By अनुराग गुप्ता | Dec 18, 2020
नयी दिल्ली। पाकिस्तान के कराची में जन्मीं रजनी बेक्टर विभाजन के समय भारत में आ गई थीं और फिर अपने सपनों की तरफ आगे बढ़ीं। रजनी बेक्टर ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर 300 रुपए लगाकर अपनी एक कंपनी खड़ी की, जिसका सलाना टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए हो गया है।
बिस्कुट और ब्रेड बनाने वाली पंजाब की कंपनी मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशिएल्टीज मिसेज बेक्टर का आईपीओ गुरुवार को बंद हो गया और यह इस साल का 15वां आईपीओ रहा। मिसेज बेक्टर्स को 198 गुणा सब्सक्राइब किया गया।
मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशलिटीज ने आईपीओ के जरिए अपने कारोबार को बढ़ाने का फैसला किया है और इसके लिए कंपनी आईपीओ लेकर आई है। फिलहाल गुरुवार को आईपीओ बंद हो गया।
रजनी बेक्टर ने घर से शुरू किया था काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1976 में रजनी बेक्टर ने अपने घर में ब्रेड (बेकिंग) का कारोबार शुरू किया और फिर पार्टी के ऑर्डर उठाने लगीं। इसी बीच उनके पति ने उन्हें तकरीबन 20 हजार रुपए दिए थे जिसकी मदद से उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया। एक छोटे से घर से शुरू हुआ ब्रेड, बिस्कुट का व्यापार आज बुलंदियां छू रहा है।
कंपनी का ब्रांड क्रेमिका प्रीमियम बिस्कुट की केटेगरी में उत्तर भारत के राज्यों में लोकप्रिय है। इसके अलावा कंपनी का दूसरा ब्रांड इंग्लिश ओवन मेट्रो सिटीज में दिखाई देता है। बता दें कि कंपनी बर्गर किंग, मैकडॉनल्ड्स, केएफसी और पिज्जा हट जैसी बड़ी फूड कंपनियों को बन सप्लाई करती हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 दशक की मेहनत के बाद उनका नाम काफी लोकप्रिय हो गया और वह ब्रेड और बिस्कुट के लिए जाना जाने लगा। जिसकी बदौलत घरेलू बाजार में रजनी बेक्टर के शेयर 4.5 फीसदी और निर्यात के लिए 12 फीसदी हो गए। इसके अतिरिक्त वर्तमान में कंपनी के पास 6 मैन्युफ्रैक्चरिंग यूनिट हैं जो मांग की पूर्ति करने में जुटी रहती हैं।