विज्ञान भवन में किसानों ने ठुकराया सरकारी खाना, अपना भोजन खुद लाए

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कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच दोपहर के आसपास विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकारके बीच चौथे दौर की बातचीत शुरू हुई। बैठक के बीच भोजनवकाश के दौरान लगभग चालीस लोगों का भोजन लेकर आई एक छोटी वैन को विज्ञान भवन के बाहर देखा गया।

नयी दिल्ली। किसान नेताओं ने बृहस्पतिवार को यहां तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठक के दौरान दिए गए भोजन को खाने से मना कर दिया और इसकी बजाय सिंघू बॉर्डर से एक वाहन में लाया गया खाना खाने को तरजीह दी। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच दोपहर के आसपास विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकारके बीच चौथे दौर की बातचीत शुरू हुई। बैठक के बीच भोजनवकाश के दौरान लगभग चालीस लोगों का भोजन लेकर आई एक छोटी वैन को विज्ञान भवन के बाहर देखा गया। लोक संघर्ष मोर्चा की अध्यक्ष प्रतिभा शिंदे ने कहा, “हमारे किसान प्रतिनिधियों ने सरकार की ओर से दिया गया भोजन स्वीकार नहीं किया और हमने अपने लिए भोजन सिंघू बॉर्डर से मंगाया।” उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि भोजन उपलब्ध करा कर अच्छा मेजबान बनने की बजाय वह मुद्दे को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करें। शिंदे ने कहा, “हम सरकार का दिया हुआ खाना कैसे खा सकते हैं जब हमारे साथी किसान सड़क पर बैठे हैं।” राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर हजारों किसान पिछले आठ दिन से कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य एवं खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश किसानों के प्रतिनिधियों से विज्ञान भवन में बातचीत कर रहे हैं।

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सरकार ने कहा कि बैठक दोपहर में शुरू हुई और अच्छे वातावरण में बातचीत हो रही है। दोनों पक्षों के बीच एक दिसंबर को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी जब किसान संगठनों ने एक नई समिति बनाने के सरकार के सुझाव को खारिज कर दिया था। सरकार ने कानूनों को वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया था और किसान संगठनों से कहा था कि वह नए कृषि कानूनों से संबंधित विशिष्ट मुद्दों को चिह्नित करें और दो दिसंबर तक उन्हें सौंप कर बृहस्पतिवार को बातचीत करें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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