बड़े उद्योगों और सरकारी एजेंसियों पर MSME का लगभग 5 लाख करोड़ रुपये बकाया: गडकरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 25, 2020

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकारी एजेंसियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और बड़े उद्योगों के ऊपर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) का लगभग 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण एमएसएमई उद्योगों की एक अलग श्रेणी सृजित करने के बारे में सोच रही है ताकि गांवों में इकाइयां लगाने को प्रोत्साहित किया जा सके। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि केंद्र ने यह निर्णयकिया है कि उसके मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम 45 दिनों के भीतर एमएसएमई का बकायाचुका देंगे। कोलकाता चैंबर ऑफ कामर्स के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये बातचीत में गडकरी ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों, उनके मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, भारत सरकार, उसके मंत्रालयों और उपक्रमों एवं बड़े उद्योगों पर कुल मिलाकर एमएसएमई का 5 लाख करोड़ रुपये बकाया है। उद्योगों का यह पैसा फंसा हुआ है।’’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकारोंसे भी उनके विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों पर बकाये को चुकाने का आग्रह किया है। वह बड़े उद्योगों से भी बातचीत के दौरान सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के बकाये का निपटान करने की बार-बार अपील करते रहे हैं। 

 

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गडकरी ने कहा कि सरकार ने वित्त पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुदृढ़ करने केलिये योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसएमई के अंतर्गत आने वालेग्रामीण उद्योग की एक अलग श्रेणी सृजित करने के बारे में सोच रही है ताकि गांवों में इकाइयां लगाने को प्रोत्साहित किया जा सके।

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