निर्णय नहीं लेने वाले राजमार्ग परियोजनाओं से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: गडकरी
हर अधिकारी के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। जो लोग उपयुक्त स्तर पर काम करते नहीं पाये गये, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भी यह कहा है। हालांकि अच्छे कामों को पुरस्कृत किया जाएगा।
सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) मंत्री गडकरी ने राजमार्ग परियोजनाओं के संदर्भ में हुए नुकसान की भरपाई और उन्हें पटरी पर लाने के लिये अगले दो साल में 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य की पड़क परियोजनाओं के निर्माण लक्ष्य पहले ही तय कर चुके हैं। इससे पहले, मंत्री ने 16 राज्यों में फैली 28,304 किलोामीटर की 740 राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा की थी और अधिकारियों तथा संबंधित पक्षों से इसमें तेजी लाने को कहा था। इन परियोजनाओं का मूल्य करीब 5 लाख करोड़ रुपये है। गडकरी ने कहा, ‘‘बार-बार आग्रह के बावजूद मैंने पाया कि बड़ी संख्या में अधिकारी खासकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारियों ने मुख्यालय में प्रश्नों की झड़ी लगा दी है जबकि वे 50 करोड़ रुपये तक परियोजनाओं के बारे में निर्णय लेने के लिये अधिकृत हैं। इससे कार्य प्रभावित हो रहा है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यह समय इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें हटाने या दर्जें में कमी करने का है। परियोजना निदेशकों ओर क्षेत्रीय अधिकारियों को अधिकार दिये गये हैं।’’#LiveNow Interaction with members of Indian Council for Technical Research and Development https://t.co/8SFHAQ2ey6
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) May 18, 2020
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मंत्री ने कहा, ‘‘वे निर्णय लेने, जिम्ममेदारी लेने से डरते हैं और हर सवाल हमारे पास भेजते हैं। जो अधिकारी अपने अधिकार का उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है...।’’ एनएचएआई में 175 परियोजना निदेशक और 25 क्षेत्रीय अधिकारी हैं। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मंजूरी वाले निर्माण गतिविधियों में दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 95 प्रतिशत काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। एनएचएआई के पंचनिर्णय और सुलह की कार्यवाही के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘चल रहे 24 मामलों में से 22 में एनएचएआई अधिकारियों ने स्थगन मांगा है और मैंने चेयरमैन को इसमें तेजी लाने को कहा है। उम्मीद है चीजें तेजी से आगे बढ़ेंगी।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हर अधिकारी के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। जो लोग उपयुक्त स्तर पर काम करते नहीं पाये गये, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने भी यह कहा है। हालांकि अच्छे कामों को पुरस्कृत किया जाएगा।’’ गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रदर्शन आकलन को वित्तीय आडिट से ज्यादा महत्व दे रहा है।
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