By अभिनय आकाश | May 05, 2025
सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान ने सोमवार को कहा कि एसआईबी वक्फ अधिनियम के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी और जमीयत उलमा-ए-हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेताओं पर इसके प्रावधानों को लेकर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि सूफी मुसलमान संसद द्वारा पारित संशोधित कानून का दृढ़ता से समर्थन करते हैं, तथा तर्क देते हैं कि पिछले प्रावधानों का दुरुपयोग कुछ संगठनों और व्यक्तियों द्वारा स्वार्थी उद्देश्यों के लिए वक्फ की भूमि हड़पने के लिए किया गया तथा आम मुसलमानों के कल्याण की उपेक्षा की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग जो पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े थे, अब एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता बन गए हैं।
खान ने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्ति हड़पने के आरोपी अब मुसलमानों को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे हैं। AIMPLB और JUH के नेता मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। जब भी उनके हितों को खतरा होता है, तो वे झूठा दावा करके जनता को लामबंद करते हैं कि शरीयत खतरे में है। भारतीय सूफी संत संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष खालिद हुसैन नकवी के साथ आए खान ने मुस्लिम युवाओं से आग्रह किया कि वे वक्फ अधिनियम संशोधनों का विरोध करने वालों के बहकावे में न आएं। खान ने किसी का नाम लिए बिना दोहराया कि संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के पीछे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोपी लोग हैं। उन्होंने कहा कि सूफी इस्लामिक बोर्ड जल्द ही संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगा।
उल्लेखनीय रूप से AIMPLB जैसे संगठनों ने नए अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। खान ने उन व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की, जिन्होंने वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया और धन का गबन किया। उन्होंने इस बात की जांच करने की मांग की कि क्या इस तरह के धन का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए किया गया था।