By अभिनय आकाश | Jan 27, 2022
नगा महिला संघ (एनडब्ल्यूयू) ने चुनाव आयोग (ईसी) से मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख 27 फरवरी तिथि को बदलने का आग्रह किया है। राज्य के नगा महिला संगठन संस्था एनडब्ल्यूयू ने कहा कि रविवार ईसाइयों के लिए प्रार्थना का दिन है, जिससे उनके लिए बाहर आना और मतदान करना मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले, विपक्षी कांग्रेस, ऑल मणिपुर क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन, मणिपुर इकाई एनपीएफ के अध्यक्ष और वन और पर्यावरण मंत्री अवांगबो न्यूमई, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर और कुकी इंपी मणिपुर ने भी यही मांग की थी। मणिपुर विधानसभा चुनाव दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को 60 विधायकों के चुनाव के लिए होंगे। मतगणना 10 मार्च को होगी।
एनडब्ल्यूयू ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, जहां सामाजिक बहुलवाद को संविधान द्वारा दृढ़ किया गया है और सिद्धांतों को अक्षरश: बनाए रखना चाहिए। एनडब्ल्यूयू ने कहा कि पहाड़ी जिलों के नौ विधानसभा क्षेत्रों में रहने वाले लोग मुख्य रूप से ईसाई हैं और रविवार को मतदान की तारीख तय करना ईसाई समुदाय के सदस्यों की धार्मिक भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उनकी भावनाओं का सम्मान करने से संविधान की पवित्रता बनी रहेगी और मतदान की तारीख में बदलाव से राज्य में लोगों के हितों की रक्षा होगी।
पहले चरण में 38 सीटों पर होगा मतदान
नगा महिला संघ ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, जहां सामाजिक बहुलतावाद को संविधान में प्रधानता दी गई है अत: हमें इस सिद्धांत पर अमल करना चाहिए। बता दें कि पहले चरण में विधानसभा की 38 सीटों पर मतदान होना है, जिसमें से नौ सीटें सैकुल, कांगपोकपी, सैतु, टिपाईमुख, थानलोन, हेंगलप, चुराचंदपुर, साईकोट और सिंघाट के पहाड़ी जिलों में हैं, जबकि 29 सीटें घाटी जिलों में हैं।
ईसाई समुदाय
मुख्य रूप से मणिपुर के एक बड़े हिस्से को कवर करने वाले आदिवासी ज्यादातर ईसाई हैं। गौरतलब है कि मणिपुर के 30 लाख लोगों में ईसाई आबादी 41.29 फीसदी है, जिसमें से 41.39 फीसदी हिंदू और 8.40 फीसदी मुस्लिम समुदाय से हैं।