वाशिंगटन। मंगल ग्रह पर पिछले 15 साल से चल रहे नासा के ‘अपॉर्च्युनिटी’ यान का सुनहरा सफर खत्म हो गया है। यान से संपर्क के लिए पिछले आठ महीने से चल रही कोशिशें नाकाम होने के बाद अभियान खत्म होने की घोषणा की गयी है। पिछले साल जून में मंगल ग्रह पर उठे भीषण बवंडर के कारण अपॉर्च्युनिटी यान को काफी नुकसान पहुंचा और इससे धरती पर सिग्नल आना रूक गया था।
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संपर्क बहाल करने के लिए हजार कोशिशों के बाद भी नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) में स्पेस फ्लाइट ऑपरेशंस फैसलिटी के इंजीनियर कामयाब नहीं हो पाए। मंगलवार को भी संपर्क करने के नाकाम प्रयास के बाद अभियान खत्म करने की घोषणा की गयी। सौर ऊर्जा से चालित यान से आखिरी बार पिछले साल 10 जून को संपर्क हुआ था। मंगल पर 90 दिनों तक रहने और एक किलोमीटर की यात्रा के लिए इसे तैयार किया गया था, लेकिन इसने उम्मीदों से कई गुणा बढ़कर काम किया।
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यान ने निर्धारित वक्त से 60 गुणा अधिक वक्त वहां गुजारा और 45 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर महत्वपूर्ण जानकारी भेजी। नासा के विज्ञान अभियान निदेशालय के सहायक प्रशासक थॉमस जुरबूचेन ने कहा कि एक दशक से ज्यादा समय बिता कर अंतरिक्ष अन्वेषण में अपॉर्च्युनिटी ने मिसाल कायम की है। इसने मंगल के अनछुए पहलुओं से वाकिफ कराया । फ्लोरिडा में केप केनावरल एयर फोर्स स्टेशन से प्रक्षेपित किए जाने के सात महीने बाद 24 जनवरी 2004 को अपॉर्च्युनिटी मंगल ग्रह पर पहुंचा था।