भारत-चीन तनाव के बीच बोले नौसेना प्रमुख, हम किसी भी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 03, 2021

नयी दिल्ली। हिंद महासागर में चीनी नौसेना के तेजी से होते विस्तार और गतिविधियों की पृष्ठभूमि में, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना सुरक्षा के प्रति किसी भी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। एडमिरल कुमार ने तीनों सेनाओं के एकीकरण की दिशा में हो रहे महत्वाकांक्षी सुधार का समर्थन किया जिसमें एक संयुक्त समुद्री ‘थियेटर’ कमान की स्थापना शामिल है। भारतीय नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारत की उत्तरी सीमा पर उपजी स्थिति से ऐसे समय सुरक्षा संबंधी जटिलताएं उत्पन्न हो गई जब देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा था। एडमिरल कुमार ने कहा कि “दोहरी” चुनौती की यह स्थिति अब भी जारी है। उन्होंने कहा, “ऐसी कठिन परिस्थितियों में भारतीय नौसेना हमारे राष्ट्रीय और समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। युद्ध और अभियान की तैयारी पर हमारा ध्यान होने से समुद्री क्षेत्र में हम किसी भी चुनौती से निपटने में कामयाब हो सके।” चीनी नौसेना की बढ़ती हुई युद्धक क्षमता और हिंद महासागर में उसकी उपस्थिति पर नवनियुक्त नौसेना प्रमुख ने कहा कि क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम के अनुसार भारतीय नौसेना अपनी तैयारी और क्षमता विकास की योजना सुदृढ़ कर रही है। एडमिरल कुमार ने कहा, “हम चीनी नौसेना के विकास से वाकिफ हैं। उन्होंने पिछले 10 वर्षों में 138 युद्धपोत का निर्माण किया है। हर देश को अपनी क्षमता का विकास करने का अधिकार है। हम अपने क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रखते हैं।” नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन की पीएलए नौसेना की उपस्थिति हिंद महासागर क्षेत्र में 2008 से है और भारतीय नौसेना ने उस पर नजर रखी है। उन्होंने कहा, “केवल संख्या ही महत्वपूर्ण नहीं है। यह लोगों पर भी निर्भर करता है, आपके पास जो हथियार हैं आप उनका इस्तेमाल कैसे करते हैं, आपकी रणनीति, और आपकी संचालन योजना इत्यादि भी महत्वपूर्ण है। बहुत सारे मुद्दे हैं।” 


उन्होंने कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय नौसेना एक बेहद संतुलित बल है और भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम है।” एडमिरल कुमार ने कहा कि नौसेना के लिए 1,97,359 रुपये की 72 परियोजनाओं के लिए ‘आवश्यकता की स्वीकृति’ (मंजूरी) मिल गई है जिसमें से 1,74,027 करोड़ रुपये की लागत से 59 परियोजनाओं को स्वदेशी तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। सशस्त्र सेनाओं के ‘थिएटरीकरण’ पर उन्होंने कहा कि समुद्री ‘थिएटर’ कमान की स्थापना का विवरण तैयार किया जा रहा है और अगले साल के मध्य तक पूरा किया जा सकता है।

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