By रेनू तिवारी | Aug 25, 2023
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून लगातार सक्रिय है और रुक-रुक कर बारिश जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में 109 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है और कई जगहों पर भूस्खलन के कारण 2 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सैकड़ों संपर्क सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। पिछले दो महीनों में 156 जगहों पर भूस्खलन और 63 जगहों पर बाढ़ आई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अब तक राज्य के सरकारी विभागों को 8450 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। राज्य में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से अब तक 367 लोगों की जान जा चुकी है। 343 घायल हुए हैं, जबकि 40 लोग अभी भी लापता हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार के लिए हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की येलो अलर्ट जारी की है। मौसम कार्यालय ने कहा है कि राज्य भर के कुछ जिलों के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने एएनआई को बताया, "सोलन, शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। हमने 24 और 25 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।"
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने के बाद 50 से अधिक फंसे हुए लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बचा लिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शेहनु गोउनी गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने की घटना हुई थी जिससे कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ का एक दल 15 किलोमीटर पैदल चलकर फंसे हुए लोगों को बचाने पहुंचा और 15 बच्चों समेत सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बारिश से संबंधित एक अन्य घटना में, बलाद नदी में पानी के तेज प्रवाह के कारण औद्योगिक बद्दी क्षेत्र और पिंजौर को जोड़ने वाला बद्दी स्थित मारनवाला पुल शुक्रवार को गिर पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। बद्दी के पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने पीटीआई-से कहा, मारनवाला पुल बह गया है और यातायात को कालका-कालूझंडा-बरोटीवाला मार्ग पर मोड़ा गया है। राज्य में भारी बारिश के कारण 709 सड़कें बंद हैं। हिमाचल प्रदेश में 24 जून से हुई मानसून की शुरुआत से 24 अगस्त तकबारिश से संबंधित घटनाओं में 242 लोगों की जान चली गई है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को अकेले 2,829 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।