By अभिनय आकाश | Oct 13, 2021
देशभर में वीर सावरकर को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को लेकर विपक्ष हमलावर है। लेकिन सावरकर की माफी को लेकर सियासत तेज़ ही थी कि इसमें जवाहर लाल नेहरू के नाभा जेल का मामला सुर्खियीं में आ गया। दरअसल, साल 1923 में नाभा रियासत में गैर कानूनी ढंग से प्रवेश करने पर औपनिवेशिक शासन ने जवाहरलाल नेहरू को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इसको लेकर बीजेपी मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने बड़ा दावा किया है।
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने
विनायक दामोदर सावरकर पर एक किताब का विमोचन का मौका था जब राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया। बार-बार यह बात कही गई कि उन्होंने अंग्रेजी सरकार के सामने अनेकों मर्सी पिटिशन फाइल की। मगर सच्चाई है कि मर्सी पिटिशनउन्होंने अपने को रिहा किए जाने को लेकर नहीं फाइल की थी। सामान्यता एक कैदी को पूरा अधिकार होता है कि अगर वह मर्सी पिटिशन फाइल करना चाहे तो वह कर सकता है। महात्मा गांधी ने उन्हें कहा था कि आप मर्सी पिटिशन फाइल कीजिए।