By अनन्या मिश्रा | Dec 05, 2025
आज ही के दिन यानी की 05 दिसंबर को नेल्सन मंडेला का निधन हो गया था। उन्होंने रंगभेद के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी थी। नेल्सन मंडेला ने करीब 27 साल जेल में बिताए थे। वहीं काले और गोरे के फर्क को मिटाया। वह एक ऐसे गैर भारतीय थे, जिनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वहीं उनको शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की जगह लोकतांत्रिक सरकार बनाने के लिए लंबा संघर्ष किया था। इसके अलावा वह दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके नेल्सन मंडेला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों में बारे में...
दक्षिण अफ्रीका में 18 जुलाई 1918 को नेल्सन मंडेला का जन्म हुआ था। इनका पूरा नाम नेल्सन रोलीह्वला मंडेला था। इनको मदीबा के नाम से भी जाना जाता है। इनके एक शिक्षक ने इनके नाम में मंडेला शब्द को शामिल किया गया। मंडेला के पिता की मृत्यु के उनकी उम्र काफी कम थी। इसलिए नेल्सन मंडेला के जीवन में संघर्ष का दौर कम उम्र से शुरू हो गया था।
साल 1944 में नेल्सन मंडेला अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गए। फिर उन्होंने देश में रंगभेद के खिलाफ अपने आंदोलन की शुरूआत की। इस आंदोलन में उन्होंने अपने कई दोस्तों के साथ मिलकर अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग का गठन किया। फिर साल 1947 में मंडेला इस लीग के सचिव चुने गए। लेकिन साल 1961 में मंडेला और उनके कुछ दोस्त के खिलाफ मुकदमा चलाया गया, लेकिन फैसला उनके पक्ष में आया और वह निर्दोष साबित हुए।
इसके अलाव नेल्सन मंडेला पर मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना अनुमति देश को छोड़ने का आरोप लगाया गया। रंगभेद के खिलाफ अपनी लड़ाई के सफर में उनको साल 1962 से 1990 तक जेल में बिताने पड़े। जेल में रहने और सजा काटने के दौरान मंडेला ने अपनी बायोग्राफी लिखी। जिसका नाम लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम था। मंडेला की यह बायोग्राफी साल 1994 में प्रकाशित हुई थी।
नेल्सन मंडेला ने 27 साल जेल में बिताए। फिर 11 जुलाई 1990 में मंडेला रिहा कर दिए गए। इ सके बाद नेल्सन मंडेला ने नए दक्षिण अफ्रीका की नींव रखी। साल 1994 में दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62% मत प्राप्त किए और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी। नेल्सन मंडेला 10 मई 1994 को अपने देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। यह इतिहास रचने के बाद मंडेला सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मंडेला पर रंगभेद का विरोध करने के एक प्रतीक के रूप में भी जाने गए।
वहीं 05 दिसंबर 2013 को 95 साल की उम्र में फेफड़ों के संक्रमण के कारण नेल्सन मंडेला का निधन हो गया।