नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा को बर्बाद करने का ‘एकतरफा’ अभियान: माकपा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 29, 2020

नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का बुधवार को विरोध किया और इसे “भारतीय शिक्षा को बर्बाद” करने का ‘‘एकतरफा अभियान’’ बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस नीति को तैयार करने के लिए संसद की पूरी तरह अवहेलना की गई है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया। माकपा की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “माकपा पोलित ब्यूरो, नई शिक्षा नीति लागू करने के एकतरफा फैसले और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय की कड़े शब्दों में भर्त्सना करता है।” वक्तव्य में कहा गया, “हमारे संविधान में शिक्षा समवर्ती सूची में है। केंद्र सरकार द्वारा, विभिन्न राज्य सरकारों के विरोध और आपत्तियों को दरकिनार कर एकतरफा तरीके से नई शिक्षा नीति लागू करना संविधान का पूरी तरह उल्लंघन है।” 

इसे भी पढ़ें: 34 साल बाद आई भारत की नई शिक्षा नीति, स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव

पार्टी ने कहा कि इस प्रकार की नीति पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए थी और सरकार ने इसका आश्वासन भी दिया था। पार्टी ने कहा, “यह एकतरफा फैसला भारतीय शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए लिया गया है। इस नीति से भारतीय शिक्षा का केंद्रीकरण, सांप्रदायिकता और व्यवसायीकरण बढ़ेगा।” माकपा ने कहा, “माकपा पोलित ब्यूरो भाजपा सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करता है। पोलित ब्यूरो की मांग है कि इसे लागू करने से पहले संसद में चर्चा की जाए।

प्रमुख खबरें

Andhra Pradesh: जगन मोहन रेड्डी ने जारी किया YSRCP का घोषणापत्र, पुरानी योजनाओं पर दिखा भरोसा

Madhya Pradesh : मरम्मत के लिए खड़ी बस के खाई में गिरने से 10 यात्री घायल

ED ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह मामले में उत्तराखंड के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया

Lok Sabha Election 2024: BJP में शामिल हुए दिल्ली-पंजाब के 1500 ज्यादा सिख, नड्डा बोले- ये हमारे लिए गौरव और खुशी की बात