By अभिनय आकाश | Dec 10, 2025
बच्चों को अकेले कमरे में बुलाया जाता था। कंफेशन के नाम पर छुआ जाता था। भगवान से माफी के बहाने यौन शोषण होता था। धमकाया जाता था कि अगर बताया किसी को तो भगवान नाराज हो जाएंगे। यह सब एक महीना एक साल नहीं चला। दशकों से चल रहा है। लेकिन भगवान के डर के नाम पर लोग चुप रहे। लेकिन एक दिन ये चुप्पी टूटी और एक नहीं दो नहीं 100 नहीं बल्कि 1300 से ज्यादा पीड़ित सामने आए और सामने आई ऐसीऐसी कहानियां जिन्हें सुनने के बाद आप सहम जाएंगे। न्यूयॉर्क के इस चर्च में 1952 से 2020 तक सैकड़ों लोगों के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट हुआ। कई लड़कियां प्रेग्नेंट हो गई। जब यह बात सामने आई तोपुरानी फाइल्स खोली गई। केस चलने लगा लेकिन फिर 2019 और 2020 में अमेरिका में ऐसे कानून बने जिन्हें लुक बैक विंडोज़ का रास्ता खोला। यानी आप बरसों पहले हुए यौन शोषण के खिलाफ फाइनली अब कोर्ट जा सकते थे। अगले साल की शुरुआत में ही यानी 2026 में इस केस की सुनवाई शुरू होने वाली है।
लेकिन उससे पहले ही चर्च एक रास्ता लेके आया है। वो इंसाफ को खरीदने की कोशिश कर रहा है। न्यूयॉर्क के इस चर्च ने कहा है कि हम इन पीड़ितों को मुआवजा देने को तैयार हैं। कोर्ट के बाहर सेटल कर लेते हैं। इसके लिए चर्च ने 300 मिलियन डॉलर की रकम जुटाने का ऐलान किया है। 300 मिलियन डॉलर का भुगतान अमेरिका के किसी आर्चडायोसीज़ द्वारा किए गए अब तक के सबसे बड़े भुगतानों में से एक होगा। एंडरसन ने कहा कि कुल भुगतान 2024 में लॉस एंजिल्स आर्चडायोसीज़ द्वारा समान संख्या में अभियोक्ताओं को दिए गए रिकॉर्ड 880 मिलियन डॉलर से अधिक हो सकता है। उस समझौते में लॉस एंजिल्स काउंटी सुपीरियर कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश डैनियल बकले ने मध्यस्थता की थी, जो न्यूयॉर्क मामले में भी मध्यस्थता करेंगे।
चर्च ने कहा कि पीड़ितों को मुआवज़ा देने का उसका प्रयास चब इंश्योरेंस कंपनीज़ के साथ चल रहे कानूनी विवादों के कारण "जटिल" हो गया है। चर्च का कहना है कि चब इंश्योरेंस कंपनीज़ ने उन बीमा पॉलिसियों के लिए यौन दुर्व्यवहार के दावों का भुगतान करने से इनकार कर दिया है जो चर्च ने 2000 से पहले दशकों तक ली थीं। चब ने बदले में आर्चडायोसीज़ पर दशकों तक बाल यौन शोषण को सहन करने और छिपाने का आरोप लगाया और अधिक पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि आर्चडायोसीज़ ने "जो कुछ भी उन्हें पता था और कब" उसे साझा करने से इनकार कर दिया है।