By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 19, 2018
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने खनन कंपनी वेदांता को तूतीकोरिन में अपने स्टरलाइट कॉपर संयंत्र में प्रवेश करने के लिए मेघालय उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तरुण अग्रवाल की अगुवाई वाली एक समिति के समक्ष अभिवेदन देने की मंगलवार को अनुमति दी। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने यह आदेश दिया। इससे पहले कंपनी ने आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद उसे संयंत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
खनन कंपनी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि संयंत्र के भीतर बड़ी मात्रा में कॉपर कंसंट्रेट पड़ा है जिसकी देखभाल करने की जरूरत है। कॉपर कंसंट्रेट में 30 फीसदी मात्रा सल्फर की है। तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सी एस वैद्यनाथन ने इस दलील का कड़ा विरोध करते हुए पूछा कि कंपनी को समिति के समक्ष अभिवेदन देने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए।
वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘हमें भी अनुमति दीजिए। आप आदेश में यह दर्ज क्यों नहीं करते कि आपने हमारा अनुरोध खारिज कर दिया। मैं अपना विरोध दर्ज कराना चाहता हूं। मैंने कभी किसी न्यायिक अधिकरण को इस तरह काम करते हुए नहीं देखा।’’बहरहाल, एनजीटी ने कहा कि राज्य सरकार भी अपनी शिकायतों को लेकर समिति के पास जा सकती है।