By अनुराग गुप्ता | Nov 24, 2021
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को नोएडा में मारुति सुजुकी और टोयोटा त्सुशो ग्रुप के एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों के लिए कबाड़ और पुनर्चक्रण सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया। 44 करोड़ रुपए के निवेश से बनाया गया यह सरकार से मंजूरी प्राप्त ऐसा पहला केंद्र है। केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया कि यह पहल भारतीय सड़कों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाएगी। हमें पूरे भारत में ऐसे केंद्रों की स्थापना के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है।
10,993 वर्ग मीटर में फैला यह केंद्र मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। आपको बता दें कि इस केंद्र में हर महीने 2,000 वाहनों को कबाड़ में बदलने की क्षमता होगी। इसके अलावा एक वाहन को कबाड़ में बदलने में करीब 3 घंटे से अधिक का समय लगेगा।
कबाड़ और पुनर्चक्रण सुविधा केंद्र का उद्घाटन करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि कबाड़ नीति से केंद्र और राज्यों दोनों का जीएसटी राजस्व बढ़ेगा... मैं वित्त मंत्रालय से इस पर चर्चा करूंगा कि नई नीति के तहत किस प्रकार कर संबंधित और रियायतें दी जा सकती हैं। दरअसल, नई नीति के तहत केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद नई गाड़ी लेने पर 25 फीसदी तक छूट देंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह जीएसटी परिषद से इस बात की संभावना को टटोलने का अनुरोध कर रहे हैं कि नई नीति के तहत क्या और प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं। हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद करेगी।कबाड़ नीति से सृजित होंगी नौकरियां
नितिन गडकरी ने कहा कि कबाड़ नीति से सभी पक्षों को लाभ होगा क्योंकि इससे विनिर्माण को गति मिलेगी, नौकरियां सृजित होंगी और केंद्र तथा राज्यों दोनों को जीएसटी मद में 40,000-40,000 करोड़ रुपए तक का राजस्व प्राप्त होगा। इसके अलावा वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर का सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपए है और इसे 5 साल में 15 लाख करोड़ रुपए तक ले जाने का लक्ष्य है। भारत ने 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। मुझे विश्वास है कि कबाड़ नीति इसमें मददगार होगी।200-300 कबाड़ केंद्र होंगे स्थापित !
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने देश के हर जिले में कम-से-कम 3-4 वाहन पुनर्चक्रण या कबाड़ केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। अगले दो-तीन साल में 200-300 कबाड़ केंद्र होंगे।