अब नहीं रहना पड़ेगा नेपाली SIM पर निर्भर, सीमा पर जारी तनाव के बीच ग्राम प्रधान करेंगे सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल

By अभिनय आकाश | Jun 13, 2020

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ से सटे चीन और नेपाल सीमा के साथ खराब फोन कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में, जिला प्रशासन ने क्षेत्र में लगभग 49 ग्राम प्रधानों को सैटेलाइट फोन प्रदान करने का निर्णय लिया है। ये फोन राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने प्रशासन को मुहैया कराया था। इसका मकसद उन ग्रामीणों तक संचार की सुविधा को पहुंचाना था, जो संवाद के लिए नेपाल के सिम कार्ड पर निर्भर रहते हैं। 

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पिथौरागढ़ के जिला मजिस्ट्रेट विजय कुमार जोगदंडे ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स आफ इंडिया को बताया कि 49 गांवों में से 34 धारचूला तहसील के हैं, जबकि बाकी मुनस्यारी के हैं। उन्होंने कहा, 'शुक्रवार को हमने धारचूला के ब्यास और दारमा क्षेत्रों के ग्राम प्रधानों को 19 सैटेलाइट फोन दिए। बाकी को भी जल्द ही वितरित किया जाएगा। रविवार को मुनस्यारी में 15 ग्राम प्रधानों को सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराया जाएगा। 

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उन्होंने कहा कि कॉल शुल्क 12 रुपये प्रति मिनट होगा और एक एसएमएस पर भी यही राशि खर्च होगी। डीएम ने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कॉल और एसएमएस की दरें क्रमश: 260 रुपये प्रति मिनट और एसएमएस के अनुसार 260 रुपये प्रति एसएमएस होंगी। बता दें कि जिन गांवों में सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वे धारचूला और मुसियारी की मल्ल जोहर घाटी के ब्यास, चौदस और दारमा घाटी में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में मोबाइल टावर की समस्या की वजह से बहुत खराब फोन कनेक्टिविटी की समस्या रहती है। 

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लोगों का कहना है कि धारचूला में कई लोग नेपाली सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यह बहुत महंगा है और हम अपने देश के संचार नेटवर्क का उपयोग करना पसंद करेंगे। हालांकि सैटेलाइट फोन यूज करने में जो कीमत लग रही है, वह लोगों के लिए परेशानी का सबब है। ब्यास, दरमा और चौदास के 14 ग्राम प्रधानों ने कॉल रेट को कम करने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि न केवल आउटगोइंग कॉल की लागत 12 रुपये है, यहां तक ​​कि इनकमिंग कॉल की लागत भी 12 रुपये प्रति मिनट रखी गई है, जो गरीब ग्रामीणों के लिए बहुत अधिक है।

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ग्राम प्रधान मुक्त सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि आने वाले समय के लिए आउटगोइंग के लिए लागत 2 रुपये रखी जाए।

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