जम्मू-कश्मीर राज्यपाल की तरफ से राहुल गांधी को मिले निमंत्रण में कोई गंभीरता नहीं थी: चिदंबरम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 14, 2019

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य का दौरा करने के लिए राहुल गांधी को दिया गया उनका आमंत्रण महज प्रचार का एक जरिया था और उसमें कभी, कोई गंभीरता थी ही नहीं। चिदंबरम के अनुसार, यह कहना बिल्कुल गलत है कि राज्य के दौरे के लिएराहुल गांधी ने शर्तें रखी हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल ने केवल सैनिकों सहित सभी लोगों से मिलने की छूट मांगी है।

इसे भी पढ़ें: कश्मीर पर कांग्रेस से आ रही भिन्न आवाजें निराशा, हताशा और दिशाहीन राजनीति’ को दिखाती: जावड़ेकर

उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल का राहुल गांधी के लिए आमंत्रण कभी भी गंभीर आमंत्रण नहीं था। यह प्रचार का महज एक जरिया था। यह कहना कि राहुल गांधी ने शर्तें रखी हैं, बिल्कुल बकवास है। राहुल गांधी ने सैनिकों सहित सभी से मिलने की छूट मांगी है। यह शर्त रखना कैसे हुआ?’’ उन्होंने पूछा कि क्या कोई आगंतुक व्यक्ति विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलने और सैनिकों के कल्याण के बारे में पूछने की छूट नहीं मांग सकता?

 

मलिक ने राज्य के दौरे से पहले ‘शर्तें’ रखने के लिए मंगलवार को राहुल गांधी की आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को लाने की मांग कर अशांति पैदा करने की कोशिश की। गौरतलब है कि गांधी ने कश्मीर में हिंसा होने संबंधी टिप्पणी की थी, जिसके बाद मलिक ने सोमवार को कहा था कि वह घाटी का दौरा करने और जमीनी स्थिति का मुआयना करने के लिए उन्हें (राहुल को) लाने की खातिर विमान भेजेंगे। राज्यपाल ने एक बयान में कहा था कि गांधी ने यात्रा के लिए मुख्यधारा के नजरबंद नेताओं से मिलने समेत कई शर्तें रखी हैं।

 इसे भी पढ़ें: कांग्रेस अपने शासनकाल में J&K में RTI और SC/ST आरक्षण लागू क्यों नहीं करा पाई: जावड़ेकर

प्रमुख खबरें

Mehbooba Mufti को मत मांगने के लिए बच्ची का इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी

BSF के जवान ने अज्ञात कारणों के चलते BSF चौकी परिसर में फाँसी लगाकर की आत्महत्या

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा