Odisha Foundation Day 2025: 01 अप्रैल को मनाया जाता है ओडिशा फाउंडेशन डे, जानिए इतिहास और महत्व

By अनन्या मिश्रा | Apr 01, 2025

हर साल 01 अप्रैल को ओडिशा फाउंडेशन दिवस मनाया जाता है। इस दिन को उत्कल दिवस या उत्कल दिबासा या ओडिशा दिवस कहा जाता है। बता दें कि 01 अप्रैल 1936 को ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक तौर पर ओडिशा को बिहार और उड़ीसा प्रांत से अलग कर स्वतंत्र प्रशासनिक दर्जा दिया गया। इस उल्लेखनीय उपलब्धि हर साल 01 अप्रैल को ओडिशा राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।


ओडिशा राज्य की एक अलग राजनीतिक पहचान हासिल करने के उत्कल दिवस मनाया जाता है। राज्य के निवासियों के बीच एकता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कल दिवस मनाया जाता है। ओडिशा स्थापना दिवस इस राज्य के संघर्ष की याद को बरकरार रखने में अहम योगदान देता है। 


इतिहास

बता दें कि 01 अप्रैल 1936 को ओडिशा राज्य को एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया। आजादी से पहले यह ब्रिटिश शासन के तहत ओडिशा बंगाल प्रेसीडेंसी का एक हिस्सा था। तीन सदियों के लंबे संघर्ष के बाद 01 अप्रैल 1936 को बंगाल और बिहार प्रांत से अलग हुआ। तब से हर साल 01 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस मनाया जाने लगा। आजादी के बाद ओडिशा और आसपास की रियासतों ने नई नवेली भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी।


ओडिशा की स्थिति

वर्तमान समय में ओडिशा राज्य में 30 जिले हैं। वहीं क्षेत्रफल के अनुसार यह देश का 8वां और जनसंख्या के हिसाब से 11वां सबसे बड़ा राज्य है। आदिवासियों की जनसंख्या के मामले में यह राज्य भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। 1135 से लेकर 1948 तक कटक ओडिशा की राजधानी रही। फिर बाद में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर बनी। वहीं 09 नवंबर 2010 को उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा रख दिया गया। ओडिशा को भगवान जगन्नाथ की भूमि भी कहा जाता है।

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