By एकता | Aug 31, 2025
ओडिशा के खुर्दा जिले में रहने वाले एक गरीब आदिवासी परिवार के 19 वर्षीय शुभम सबर ने NEET (नीट) परीक्षा पास कर अपनी लगन और मेहनत का लोहा मनवाया है। उन्होंने न केवल यह कठिन परीक्षा उत्तीर्ण की, बल्कि पैसों की कमी के कारण खुद मजदूरी करके अपनी एडमिशन फीस भी जमा की।
शुभम का दाखिला ओडिशा के बरहामपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुआ है। अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, 'मैंने 12वीं के बाद एक साल तक नीट की तैयारी की। हमारे पास पैसे नहीं थे, और न ही यहां इतना काम मिलता था कि हम एडमिशन फीस भर सकें। इसलिए मुझे बेंगलुरु काम करने जाना पड़ा।'
शुभम ने बेंगलुरु में तीन महीने तक मजदूरी करके पैसे कमाए और उन्हीं पैसों से अपनी एडमिशन फीस भरी।
जब उनका परिणाम आया, तो उनके शिक्षक ने उन्हें फोन करके पूछा, 'मिठाई कहां है?' शुभम अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को देते हैं। उन्होंने कहा, 'मेरी सफलता का कारण मेरे शिक्षक द्वारा बनाई गई समय-सारिणी का पालन करना है।'
शुभम सबर की यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो आर्थिक चुनौतियों के कारण अपने सपनों को पूरा करने से हिचकिचाते हैं। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।