सार्वजनिक कर्तव्यों का निर्वहन रहे अधिकारियों को अदालत में तलब करना उचित नहीं : न्यायालय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 20, 2021

नयी दिल्ली|  उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसने एक बैंक के अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय प्रबंधक को तलब किया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे अधिकारियों को तलब करना उचित नहीं है। शीर्ष अदालत प्रथम यूपी ग्रामीण बैंक एवं अन्य की तरफ से दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी।

इसे भी पढ़ें: न्यायालय ने कुछ मामलों में ऑनलाइन याचिका दायर करने को अनिवार्य बनाने को कहा

उच्च न्यायालय ने बैंक के अध्यक्ष को तलब किया था, ताकि उन्हें बताया जा सके कि बैंक के अधिकारी किस तरह से काम कर रहे हैं। एक कर्मचारी की सेवा समाप्त किये जाने के मामले पर सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय ने बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था और हलफनामा दायर कर बताने के लिए कहा था कि बैंक में कितने लोग दैनिक भुगतान के आधार पर काम कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: उच्चतम न्यायालय में केंद्र ने न्यायाधिकरण सुधार पर कानून का बचाव किया

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमणियन की पीठ ने अधिकारियों को तलब किए जाने पर नाखुशी जताई और कहा कि उच्चतम न्यायालय पहले ही अधिकारियों को अदालत में समन किए जाने के खिलाफ टिप्पणी कर चुका है।

प्रमुख खबरें

सोशल मीडिया बैन से वीजा जांच तक: बदलती वैश्विक नीतियां और बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव

MGNREGA की जगह नया ग्रामीण रोजगार कानून, VB-G RAM G विधेयक संसद में पेश होने की तैयारी

ICICI Prudential AMC IPO को ज़बरदस्त रिस्पॉन्स, दूसरे ही दिन फुल सब्सक्राइब हुआ

थोक महंगाई में नरमी के संकेत, नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक - 0.32 प्रतिशत पर पहुंची