एक थे अशरफ गनी जो संकट में भाग गये थे, एक हैं यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, आखिरी सांस तक लड़ने की कसम खायी

By रेनू तिवारी | Feb 26, 2022

20 साल बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मई 2021 में अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाने का ऐलान किया। 1 मई से अफगानिस्तान से जैसे-जैसे अमेरिकी सेना वापस आने लगी वैसे-वैसे अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने लगा। ताबिलान ने काबुल पर बम गिराए और लड़ाकों से सड़कों पर खून बहाना शुरू कर दिया। राजधानी पर ताबिलान का कब्जा हुआ और देखते ही देखते  पूरे देश पर तालिबान का राज हो गया। अफगानिस्तानी सेना और तालिबानी युद्ध के दौरान हमने देखा की देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी अपनी जनता को छोड़कर रातों रात अरबों रुपये लेकर देश छोड़कर भाग गये। वहीं एक बार विश्व में युद्ध की स्थिति फिर बन गयी हैं। रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। यूक्रेन पर कब्जे के लिए रूस की सेना लागातार यूक्रेन के अलग-अलग इलाकों पर बमबारी कर रही हैं। 

 

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सेना का जवान किसी भी देश का हो उसके अंदर देश के लिए जान न्योछावर कर देने की जो हिम्मत होती है उस हिम्मत को सलाम। रूस के सामने यूक्रेन एक बेहद ही छोटा देश है। अकेले कितने दिन ही रूस के सामने वह टिक पाएगा यह सभी को अंदर से पता है लेकिन यूक्रेन की हिम्मत इस समय पूरी दुनियाभर देख रही है। जहां यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने रूस के सामने हथियार डालने से इंकार कर दिया है और साहस के साथ रशिया से खिलाफ युद्ध कर रह है यह जज्बा पूरी दुनिया के सामने हैं। 

 

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सबसे ज्यादा इस समय यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने लोगों का दिल जीत लिया है। उन्होंने अपने देश की जानता को मुसिबत में अकेला नहीं छोड़ा। वह लगातार अपने नागरिकों के साथ खड़े हैं और देश की रक्षा के लिए हर मुमकिन प्रयार कर रहे हैं। जहां एक तरफ अशरफ गनी अपने देश को छोड़कर रातों रात भाग गये थे वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की है जो लगातार अपने देश के साथ खड़े हुए हैं। 


रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया। सरकारी इमारतों के निकट गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं। रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास भी शुरू हो गए हैं। युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं। इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है।


दुनिया ने अबतक दो विश्व युद्ध देखें हैं जिसमें सालों तक जंग लड़ी गयी लेकिन खून के सिवा और कुछ नहीं मिला। जो हारा वो खत्म हो गया लेकिन जो जीता वो भी काफी हद तक तबाह हो गया। विश्व की सबसे बड़ी ताकत ब्रिटेन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। एक वक्त था ब्रिटेन का आधी दुनिया पर कब्जा था लेकिन दूसके विश्व युद्ध के बाद उसके कमर टूट गयी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद विश्व की सबसे बड़ी ताकत के रूप में अमेरिका और रूस उभरा था। अमेरिका-रूस में लंबे समय तक शीत युद्ध चला लेकिन सभी को पता था कि यदि युद्ध हुआ तो दोनों तबहा हो जाएंगे। दुनिया तीसरे विश्व युद्ध को झलने की स्थिति में नहीं हैं। हालात बहुत नाजुक है अभी दुनिया कोरोना महामारी से ही लड़ रही थी कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करके एक और बड़ी समस्या को विश्व के सामने खड़ा कर दिया है।


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