By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 19, 2020
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को स्तंभकारों के एक समूह के कहा कि ‘खुलापन’ हिन्दुओं की विशेषता है और इसे बचाये रखा जाना चाहिए । सूत्रों ने यह जानकारी दी। समझा जाता है कि भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज को जागृत होना चाहिए लेकिन किसी के विरूद्ध नहीं होना चाहिए। भागवत ने दिल्ली के छत्तरपुर इलाकों में देशभर के 70 स्तंभकारों से बंद कमरे में संवाद किया और आरएसएस के बारे में फैलायी जा रही गलत धारणा को लेकर चर्चा की।
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आरएसएस प्रमुख के साथ बैठक में मौजूद कुछ स्तंभकारों ने इस संवाद को ‘सार्थक’बताया जिसमें विविध विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। एक स्तंभकार के अनुसार, भागवत ने कहा, खुलापन हिन्दुओं की विशेषता है और इसे बचाये रखा जाना चाहिए। भागवत ने हिन्दुओं को जागृत एवं सतर्क रहने पर जोर देते हुए कहा कि जब तक हिन्दू संगठित एवं सतर्क है, उसे कोई खतरा नहीं है।
स्तंभकार के अनुसार सरसंघचालक ने कहा, ‘‘हिन्दुओं को जागृत रहना है लेकिन किसी के विरूद्ध नहीं। उन्हें प्रतिक्रियावादी होने की जरूरत नहीं । हम किसी का वर्गीकरण नहीं करते हैं । हम किसी पर संदेह नहीं करते हैं।’’ नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर भागवत ने कहा कि कोई भी कानून को पसंद या नापसंद कर सकता है, उसे बदलने की भी मांग कर सकता हैलेकिन सार्वजनिक सम्पत्ति को जलाया या नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है। यह लोकतंत्र में सही नहीं है। भागवत ने पूछा, ‘‘लेकिन अब हाथों में तिरंगा और संविधान लेकर तथा भारत माता की जय कह रहे हैं, तब कौन बदल रहा है।’’