चुनाव में आसन्न हार की हताशा में धार्मिक विषयों पर सियासत कर रहे हैं विपक्षी दल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 11, 2019

नयी दिल्ली। मुसलमानों के पाक महीने रमज़ान के दौरान चुनाव कार्यक्रम को लेकर तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नेताओं की आलोचना पर भाजपा ने सोमवार को कहा कि तृणमूल और आप ने काम नहीं किया है, ऐसे में चुनावों में आसन्न हार को देखते हुए हताशा में धार्मिक विषयों पर सियासत कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि रमजान में चुनाव को लेकर कुछ दलों के नेताओं के प्रेरित बयान सामने आ रहे हैं। इन्हें चुनाव में आसन्न हार का भय दिख रहा है और ऐसे में ये दल हताशा में इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इतना हताश न हों। कैराना उपचुनाव भी रमजान के दौरान हुआ था। नुरपुर चुनाव भी रमजान में हुआ था। इसके अलावा चुनाव का जो पूरा कार्यक्रम बना है, उस दौरान होली और चैत्र नवरात्र भी आता है।’’

 

प्रसाद ने कहा कि आज कुछ लोगों ने कहा है कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं करती है, जो पूरी तरह से गलत और झूठा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जो लोग ऐसा कहते हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि चुनाव आयोग पर हमला किसने किया। ईवीएम पर बखेड़ा किसने खड़ा किया। राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर बार-बार सवाल किसने उठाया। सीवीसी पर प्रहार किसने किया...... ऐसा कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने किया।’’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल वो (कांग्रेस) करें, संवैधानिक संस्थाओं पर हमला वो करें और हमारे (भाजपा) ऊपर झूठा आरोप लगायें, यह ठीक नहीं है। राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि रमज़ान मुसलमानों के लिये फर्ज है, जो रोज़ा रखते हैं, उनकी एक तरह से परीक्षा है। रमज़ान के दौरान भी नौकरीपेशा लोग रोजा रखते हुए काम करते हैं और कोई छुट्टी नहीं लेते। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से बहुत से लोग रोजा रखते हुए मजदूरी करते हैं। 

 

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हुसैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहली बार रमज़ान के दौरान चुनाव हो रहे हों, पहले भी रमजान के दौरान चुनाव हुए हैं। ऐसे में इस विषय पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। यह धार्मिक कर्तव्य है। बहुत से लोग व्रत रखकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ने कोई काम नहीं किया है, ऐसे में वे ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं। धार्मिक विषयों पर सियासत की इजाजत नहीं दी जा सकती है। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस नेता और कोलकाता नगर निगम के मेयर फरहाद हकीम ने कहा है कि चुनाव आयोग ने रमजान के वक्त चुनाव की तारीखें रखी हैं, ताकि अल्पसंख्यक वर्ग वोट न डाल सके। उन्होंने कहा था कि रमजान में चुनाव होने की वजह से लोगों को वोट डालने में दिक्कत होगी। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होंगे। इसी बीच 5 मई से 4 जून के बीच रमजान पड़ रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के ओखला विधानसभा सीट से विधायक अमानतुल्ला खान ने भी रमजान के दौरान वोटिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलने का दावा किया है। अमानतुल्ला ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा,  12 मई का दिन होगा दिल्ली में रमजान होगा मुसलमान वोट कम करेगा इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा। 

 

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