Madhya Pradesh Tourism: इतिहास, विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है ओरछा

By प्रीटी | Jul 31, 2025

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा (Orchha) एक ऐसा ऐतिहासिक नगर है, जो समय के साथ भी अपनी भव्यता, संस्कृति और धार्मिक आस्था को आज तक संजोए हुए है। बेतवा नदी के किनारे बसा यह नगर न केवल स्थापत्य और इतिहास के प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि यह एक शांत, दिव्य और आत्मिक अनुभव भी प्रदान करता है।


ओरछा का ऐतिहासिक परिचय

ओरछा की स्थापना राजा रुद्र प्रताप सिंह ने 16वीं शताब्दी की शुरुआत में की थी। यह नगर बुंदेला राजवंश की राजधानी रहा है। ओरछा का नाम संस्कृत शब्द "उद्योतका" से निकला माना जाता है, जिसका अर्थ होता है— "छोटा सा प्रकाश"। हालांकि आज यह स्थान भव्य महलों, मंदिरों और स्मारकों की रोशनी से जगमगाता है।

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ओरछा के प्रमुख दर्शनीय स्थल

1. राजा महल

यह महल बुंदेला शासकों का मुख्य निवास स्थान था। इसकी दीवारों और छतों पर की गई चित्रकारी आज भी पूरी तरह सुरक्षित है। यहां की आंतरिक सजावट भगवान राम, कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की कहानियों को चित्रों के माध्यम से जीवंत करती है।


2. जहांगीर महल

यह महल मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए राजा बीर सिंह देव द्वारा बनवाया गया था। इसकी स्थापत्य कला में मुगल और राजपूत शैली का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। महल की ऊँचाई से ओरछा और बेतवा नदी का दृश्य अत्यंत मनोहारी लगता है।


3. राम राजा मंदिर

यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर वास्तव में एक महल था, जिसे रानी गणेशा ने मंदिर के रूप में परिवर्तित कर दिया था। यहाँ का प्रहरी बदलने की प्रक्रिया और सैन्य सम्मान, इस मंदिर को और भी खास बनाता है।


4. चतुर्भुज मंदिर

यह मंदिर एक ऊँचे चबूतरे पर स्थित है, और इसकी वास्तुकला अत्यंत भव्य है। इसका निर्माण रानी गणेशा ने भगवान राम के लिए करवाया था, लेकिन राम जी की मूर्ति बाद में राम राजा मंदिर में स्थापित हो गई।


5. लक्ष्मीनारायण मंदिर

इस मंदिर में धार्मिक और युद्ध संबंधी दृश्य चित्रित हैं। यह मंदिर कला प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग के समान है।


6. ओरछा के छतरी (Cenotaphs)

बेतवा नदी के किनारे स्थित ये स्मारक बुंदेला राजाओं की याद में बनाए गए थे। यह शांत और मनमोहक स्थल सूर्यास्त के समय विशेष रूप से सुंदर प्रतीत होता है।


साहसिक पर्यटन और प्रकृति

ओरछा में रिवर राफ्टिंग का भी आनंद लिया जा सकता है, विशेषकर मानसून और उसके बाद के महीनों में।


आसपास का जंगल और नदी का किनारा ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन है।


कैसे पहुँचे?

निकटतम रेलवे स्टेशन: झाँसी जंक्शन (18 किमी)


निकटतम हवाई अड्डा: ग्वालियर (120 किमी) या खजुराहो (175 किमी)


सड़क मार्ग: झाँसी से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है


ठहरने की व्यवस्था

ओरछा में सभी बजट के अनुसार होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे की सुविधा उपलब्ध है। मध्य प्रदेश टूरिज़्म द्वारा संचालित रिसॉर्ट और निजी होटल, दोनों ही पर्यटकों के लिए आरामदायक अनुभव प्रदान करते हैं।


यात्रा का सर्वोत्तम समय

अक्टूबर से मार्च के बीच ओरछा घूमने का सर्वोत्तम समय है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन भी देखने को मिलते हैं।


ओरछा एक ऐसा गंतव्य है जहाँ इतिहास की कहानियाँ दीवारों पर चित्रित हैं, और जहाँ धर्म, संस्कृति और वास्तुकला एक साथ साँस लेते हैं। यह नगर उन लोगों के लिए है जो शांति, आध्यात्मिकता, और भारतीय विरासत को नजदीक से महसूस करना चाहते हैं। एक बार ओरछा की यात्रा, जीवनभर की स्मृति बन जाती है।


-प्रीटी

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