By अंकित सिंह | May 24, 2023
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीति जारी है। 19 विपक्षी दलों ने इसके उद्घाटन का विरोध किया है। विपक्षी दलों की मांग है कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाए। जानकारी के मुताबिक नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करने वाले हैं। इन सब के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर अलग मांग रख दी है। असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी मांग में कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की जरूरत है इसको कोई अस्वीकार नहीं कर सकता लेकिन इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत के ख़िलाफ़ है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने हमारी पार्टी से संपर्क नहीं किया है। उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए क्योंकि वह संसद के अभिरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन नहीं करना चाहिए। अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करेंगे तो हम समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं की आप पीछे हट जाइए और स्पीकर ओम बिड़ला को उद्घाटन करने दें। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि नई संसद के उद्घाटन में देश की राष्ट्रपति को नहीं आमंत्रित करना..ये आदिवासी समाज, दलित समाज, पिछड़े समाज का अपमान है और ये प्रदर्शित करता है कि बीजेपी की मानसिकता आदिवासी, दलित और पिछड़ा विरोधी है, वरना संसद के उद्घाटन में अगर आप राष्ट्रपति को ही नहीं बुला रहे हैं तो फिर आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न RSS और न भाजपा का कोई रिश्ता है। यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा का उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है। संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा।