By अभिनय आकाश | May 17, 2025
पाकिस्तान कथित तौर पर अपने आर्मी जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) को रावलपिंडी के चकलाला से इस्लामाबाद स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है। नूर खान एयरबेस पर भारतीय वायु सेना के हमलों के बाद लिया गया है, जिसमें स्पष्ट संरचनात्मक क्षति हुई थी। खुफिया सूत्रों ने योजना की पुष्टि की और इसे मौजूदा जीएचक्यू स्थान के आसपास बढ़ती सुरक्षा चिंताओं से सीधे जोड़ा। भारत-पाक में तनाव के बीच 8-9 मई की रात जब ब्रह्मोस मिसाइल ने रावलपिंडी के एयरबेस तक कहर बरपा दिया तो पाकिस्तानी सेना के पैरों तले जमीन खिसक गई। नतीजा ये हुआ कि सैन्य हेडक्वार्टर को रावलपिंडी से इस्लामाबाद में शिफ्ट करने के कई बरसों से अटके प्रोजेक्ट में अब तेजी आ गई है। नए जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) को इस्लामाबाद की मरगला हिल्स की तलहटी में शिफ्ट किया जा रहा है।
जीएचक्यू यानी पाकिस्तानी सेना की सीधी रिपोर्टिंग और कमांड पोस्ट यहीं होती है।
सेना का नया कंट्रोल रूम और आर्मी चीफ का ऑफिस भी पहाड़ों के भीतर बनाया जा रहा है ताकि किसी भी मिसाइल या आतंकी हमले से पूरी सुरक्षा मिल सके। कंट्रोल रूम को पहाड़ों के भीतर 10 किमी लंबी सुरंग के जरिए सुरक्षित किया जा रहा है। यह स्थान मिसाइल हमलों से बचाव के लिहाज से सुरक्षित माना जा रहा है। इस्लामाबाद में प्रस्तावित नए सैन्य मुख्यालय से एयरफोर्स बेस सिर्फ 3 किमी और नेवी हेडक्वार्टर 6 किमी है। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल ने रावलपिंडी में चकलाला स्थित नूरखान एयरबेस पर भी तबाही मचाई थी। यह मौजूदा जीएचक्यू से महज 8 किमी ही दूर था।
चीनी फर्म MIZAZVISION और भारत के कावा स्पेस से सैटेलाइट इमेज से बेस को गंभीर नुकसान हुआ है। तस्वीरों में टूटे हुए ईंधन ट्रक, ढही हुई गोदाम की छत और मुख्य रनवे के पास बिखरा हुआ मलबा दिखाई दे रहा है। सूत्रों ने News18 को बताया, "रावलपिंडी में भारतीय ड्रोन की गहरी पैठ एक बड़ा झटका थी। नेतृत्व और संपत्ति को एक ही कमजोर स्थान पर केंद्रित करने से बचने के लिए, सेना चीन द्वारा आपूर्ति की गई HQ-9 और LY-80 प्रणालियों को स्थानांतरित करने के बारे में सोच रही है।