होम्योपैथी डॉक्टर अक्सर जर्मन या विदेश दवाएं मरीजों के लिए लिखते हैं, देश में बनी दवाओं का इस्तेमाल नहीं करते हैं। राष्ट्रपति भवन के होम्योपैथी डिस्पेंसरी को कॉन्ट्रैक्चुअल बेसिस पर चलाया जा रहा हैः अपरूपा पोद्दार, एआईटीसी pic.