By एकता | Dec 07, 2025
इस हफ्ते संसद में सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के बीच बड़ा टकराव देखने को मिलेगा। सोमवार से, संसद में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और चुनावी सुधारों जैसे दो महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष चर्चा होगी, जिसमें सभी पार्टियों के सांसद हिस्सा लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी की ओर से बहस में शामिल होंगे। वहीं, विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, अखिलेश यादव, और कनिमोझी जैसे प्रमुख नेता इन बहसों में अपनी बात रखेंगे।
सोमवार दोपहर को यह चर्चा लोकसभा में शुरू होगी, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। कांग्रेस की ओर से उपनेता गौरव गोगोई और वरिष्ठ सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल होंगी। राज्यसभा में यह बहस मंगलवार को होगी, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
लोकसभा में चुनावी सुधारों पर बहस मंगलवार को शुरू होगी, जिसके बुधवार को खत्म होने की संभावना है। दोनों सदनों में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बहस का जवाब देंगे।
माना जा रहा है कि 'वंदे मातरम' और चुनावी सुधारों पर विपरीत विचारों के चलते सदन में तीखी बहस होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कांग्रेस पर एक वर्ग को खुश करने के लिए 'वंदे मातरम' का पूरा उपयोग न करने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में, कांग्रेस ने मोदी पर तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया है। कांग्रेस रवींद्रनाथ टैगोर के एक पत्र का हवाला देती है, जिसमें कहा गया था कि 'वंदे मातरम' के केवल पहले दो छंदों को ही अपनाया जाना चाहिए, क्योंकि बाद वाले छंदों में सांप्रदायिक भावनाएं हो सकती हैं। 'वंदे मातरम', जिसे बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था, को राष्ट्रगान 'जन गण मन' के बराबर दर्जा प्राप्त है। यह चर्चा 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रही है।
विपक्ष इस बहस के दौरान 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाने के लिए तैयार है। राहुल गांधी ने पहले ही 'वोट चोरी' के खिलाफ अभियान शुरू किया है और चुनाव आयोग पर चुनावी रोल में हेरफेर करके बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाया है। विपक्षी सांसद स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन और इसमें शामिल बूथ लेवल अधिकारियों की मौत का मुद्दा भी उठाएंगे। वहीं, बीजेपी की तरफ से 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जरूरत पर जोर दिया जा सकता है।
यह बहस विपक्ष की कड़ी मांग के बाद तय हुई। पहले विपक्ष ने केवल चुनावी सुधारों के विवादास्पद SIR पर बहस पर जोर दिया था। हालांकि, 'वंदे मातरम' पर भी चर्चा करने और चुनावी सुधारों पर बहस को केवल SIR तक सीमित न रखने पर सहमति बनने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ।