By अभिनय आकाश | Jun 01, 2021
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर मेल-मुलाकातों का दौर चल रहा है और अब कभी भी ऐसी मुलाकातें होती है तो कई तरह की सियासी चर्चाओँ का दौर चलने लगता है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बीच मुलाकात हुई है। फडणवीस ने बीजेपी से एनसीपी में गए एकनाथ खडसे के घर जाकर भी उनसे मुलाकात की थी। जिसको लेकर राजनीतिक अटकलों का दौर तेज हो गया है और शिवसेना और एनसीपी की तरफ से प्रतिक्रिया भी आने लगी। जहां शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ‘‘महाराष्ट्र में ‘अभियान कमल’ के बारे में भूल जाइए। वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि आने वाले कई सालों तक भाजपा को महाराष्ट्र में मौका नहीं मिलेगा।
कोई भी ऑपरेशन लोटस नहीं हो सकता: नवाब मलिक
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि बंगाल के चुनाव के बाद ऑपरेशन लोटस का ऐलान किया गया था, परन्तु जब तक महाराष्ट्र में तीनों पार्टी (कांग्रेस-एनसपी-शिवसेना) एक साथ हैं कोई भी ऑपरेशन लोटस नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि हम 5 साल के लिए नहीं 25 साल के लिए साथ आए हैं। मलिक ने कहा कि आने वाले कई सालों तक भाजपा को महाराष्ट्र में मौका नहीं मिलेगा। लेकिन जो बयान वो (भाजपा) दे रहे हैं उसका कारण है कि उनकी पार्टी में कांग्रेस और एनसीपी से कई विधायक गए हुए हैं, उन्हें रोकने के लिए वे इस तरह का बयान देते रहते हैं।
शरद पवार ने फडणवीस को विपक्ष का अच्छा नेता बनने की सलाह दी होगी
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक दिन पहले हुई बैठक में सलाह दी होगी कि ‘‘विपक्ष का अच्छा नेता’’ कैसे बना जा सकता है। राउत ने राज्य में किसी प्रकार के नए राजनीतिक गुणा-भाग की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में ‘अभियान कमल’ के बारे में भूल जाइए। ऐसा यहां नहीं होगा, ऐसा पश्चिम बंगाल में नहीं होगा। हर बैठक में राजनीतिक कोण क्यों खोजना?’’
फडणवीस-पवार की मुलाकात के मायने
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने शरद पवार से बीते दिनों मुलाकात की थी और इस बैठक को ‘‘शिष्टाचार भेंट’’ बताया था। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब भाजपा ने महाराष्ट्र में कोविड-19 हालात और मराठा आरक्षण मामले से निपटने के तरीके को लेकर शिवसेना नीत राज्य सरकार की आलोचना की है।