By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 16, 2018
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रियल्टी कंपनी सुपरटेक लि. को निर्देश दिया कि वह चार सप्ताह के अंदर और पांच करोड़ रूपए जमा कराए ताकि उन घर खरीदारों को पैसे लौटाए जा सकें जिन्होंने बैंकों से ऋण लिया और कंपनी की नोएडा स्थित आवास परियोजना का विकल्प चुना। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वकील गौरव अग्रवाल की दलीलों पर गौर किया। अग्रवाल न्यायालय में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायालय की रजिस्ट्री में 10.40 करोड़ रूपए जमा हैं और उनका उपयोग एमरल्ड टावर्स परियोजना के घर खरीदारों के पैसे लौटाने में किया जाना चाहिए। पीठ ने घर खरीदारों को न्यायालय की रजिस्ट्री के समक्ष हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया कि वे इस राशि का भुगतान उन बैंकों को करेंगे जिनसे उन्होंने ऋण लिया है। ।परेशान ग्राहकों के वकीलों में से एक शोएब आलम ने पीठ के समक्ष दलील दी कि रिफंड को मुआवजा करार दिया जाए, अन्यथा रिफंड पर आयकर देय होगा। न्यायालय ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया।