एक बार इस्तीफे के बाद पायलट इसे वापस नहीं ले सकते: एयर इंडिया ने उच्च न्यायालय से कहा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 30, 2021

नयी दिल्ली|  एयर इंडिया ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष 40 से अधिक पायलटों की बहाली और उनके पिछले वेतन के भुगतान का विरोध करते हुए कहा कि एक बार इस्तीफा हो जाने के बाद पायलट इसे वापस नहीं ले सकते।

एयर इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति राजीव शकधर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया , ‘‘जब तक अन्यथा निर्दिष्ट नहीं किया जाता है, इस्तीफा तुरंत प्रभावी होता है। इस आधार पर (पायलटों को) वापस लेने की कोई क्षमता नहीं है कि मैं अभी भी नोटिस अवधि के दौरान सेवा कर रहा हूं।’’

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पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति तलवंत सिंह भी शामिल हैं, ने एयर इंडिया द्वारा एकल न्यायाधीश के उस आदेश के खिलाफ अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें कई पायलटों की सेवाओं को, दोनों स्थायी और अनुबंध, समाप्त करने संबंधी एयर इंडिया के फैसले को रद्द कर दिया गया था और उनकी बहाली का निर्देश दिया था।

एकल न्यायाधीश ने अपने एक जून के आदेश में कहा था कि भत्ते सहित पिछले वेतन का भुगतान सेवारत पायलटों के बराबर और सरकारी नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसी कोई ‘‘नोटिस अवधि’’ नहीं है जिसके तहत पायलटों को अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि एक बार इस्तीफा देने के बाद, एक पायलट को जनहित में नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के संदर्भ में छह महीने तक काम करना जारी रखना होगा। एयर इंडिया द्वारा उनके इस्तीफे वापस लेने से इनकार करने और उनके रोजगार को समाप्त करने के बाद पायलटों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।

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