By अनुराग गुप्ता | Aug 28, 2021
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने नयी ड्रोन नीति को जारी की थी। जिसके माध्यम से ड्रोन परिचालन को सुगम बना दिया है। अब आसमान में ड्रोन ही ड्रोन दिखाई देंगे। लेकिन ड्रोनों की वजह से आसमान में ट्रैफिक भी बढ़ जाएगा। ऐसे में ड्रोन आपस में टकरा भी सकते हैं। इसके लिए सरकार ने क्या योजना बनाई है ? आपको बता दें कि जिस तरह से विमानों के ट्रैफिक की जिम्मेदारी हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) के पास होती है। ठीक इसी प्रकार से ड्रोन के लिए स्काई डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा जो इसका काम देखेगा।
ड्रोन का रूट तय करने का काम स्काई डिजिटल प्लेटफॉर्म करेगा। इसके लिए अनुमति लेनी पड़ेगी जिसकी तत्काल प्रभाव से मंजूरी मिल जाएगी। अलग-अलग ड्रोन के लिए अलग-अलग रूट दिया जाएगा और उन्हें उसी रूट पर उड़ने की इजाजत होगी। लेकिन ड्रोन अगर रास्त भटक जाता है तो उसे मैसेज भेजकर इसकी जानकारी दी जाएगी और फिर उसे वापस से तय रूट पर उड़ान भरनी पड़ेगी। इसके लिए जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल होगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्काई डिजिटल प्लेटफॉर्म अगले 30 दिनों में तैयार हो जाएगा। वहीं दुश्मन ड्रोन के खात्मे के लिए भी एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इस सिस्टम को तैयार करने के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और बीएसएफ मिलकर काम कर रहा है।ग्रीन जोन में उड़ेंगे ड्रोन
ड्रोन नियम 2021 के मुताबिक ड्रोन ग्रीन जोन में 400 फुट तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसके लिए अनुमति लेनी पड़ेगी। नए नियम के मुताबिक ड्रोन के हस्तांतरण एवं पंजीकरण को रद्द करने के लिए आसान प्रक्रिया भी निर्धारित की है। नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।