संकल्प (कविता)

By शिखा अग्रवाल | Jan 01, 2024

नए साल की दस्तक मन में नए उत्साह का संचार करती है। जब कैलेंडर बदलता है तो हम सभी अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करते हैं। जिन सपनों व संकल्पों को हम बीते साल में पूरा नहीं कर पाए, उन्हें आने वाले समय में पूरा होने की उम्मीद रखते हैं। हम सभी नए साल पर कुछ संकल्प लेते हैं। कवित्री ने इस कविता में इन सभी चीजों को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है।


संकल्प से सृष्टि का श्रृंगार होगा,

नव-चेतन का मार्ग प्रशस्त होगा,

नव-ऊर्जा का आलोक प्रस्फुटित होगा,

नव-वर्ष में नव-वतन का उदय होगा।


आंतक मुक्त कश्मीर होगा,

सियासत के नीड़ों से भ्रष्टाचार का सफाया होगा,

दागी-गुंडों का फिर न नामोनिशां होगा,

नव-वर्ष में नव-वतन का उदय होगा।


बलात्कारियों का खात्मा होगा,

दहेज प्रथा का जड़ उन्मूलन होगा,

टका मंडीं में फिर न दुल्हन का व्यापार होगा,

नव-वर्ष में नव-वतन का उदय होगा।


गली-गली गुरुकुल होंगे,

हर मां के श्रीराम जैसे बेटे होंगे,

आश्रम में किसी आत्मा का फिर न कोई रुदन होगा,

नव-वर्ष में नव-वतन का उदय होगा।

संकल्प से सृष्टि का श्रृंगार होगा।


- शिखा अग्रवाल, भीलवाड़ा

प्रमुख खबरें

Vaishno Devi College controversy: प्रदर्शनकारियों ने LG Manoj Sinha का पुतला जलाया, वापस जाओ के नारे

गरीबों के काम का अधिकार छीना! CWC की बैठक में Kharge बोले- MGNREGA पर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ेंगे

जब बड़े-बड़े स्टार्स ने ठुकराई मूवी; तब 1 रुपये में सलमान खान ने की थी फिल्म , जानिए क्या था वो रोल!

किस बात पर इतना भड़क गए जिनपिंग? अमेरिका की 20 रक्षा कंपनियों पर ठोक दिया बैन