देव भूमि हिमाचल प्रदेश का राजनीतिक सफर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 29, 2022

हिमाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है और यह भारतीय पर्यटन उद्योग की रीढ़ भी है। जनवरी 1950 में हिमाचल को पार्ट सी राज्य का दर्जा दिया गया। 1970 में संसद द्वारा एक विशेष अधिनियम पारित किया गया जिसके बाद हिमाचल प्रदेश औपचारिक रूप से भारत के 18वें राज्य के रूप में उभरा। हिमालय पर्वत के गोद में बसे होने के कारण इसे हिमाचल प्रदेश कहते है। भारत के उत्तर में स्थित ये राज्य अपनी खूबसुरती, प्रकृति और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरे दुनिया के लाखों पर्यटनों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। प्रकृति सौंदर्य और लोगों की सादगी के अलावा कुछ ऐसी बातें भी है जिसकी वजह से हिमाचल पूरे देश में सबसे आगे है। हिमाचल वास्तव में हिम यानि बर्फ का घर है। सर्दियों के दौरान यहां के लगभग हर जगह पर सफेद की चादर में लिपटे रहते है।


मुख्य रूप से देवभूमि या देवताओं के भूमि के नाम से लोकप्रिय राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। यहां की हरियाली, बर्फ से ढकी चोटियां, बर्फीले ग्लेशियर और मनमोहक झीले किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए काफी है, इसलिए पर्यटन यहां तेजी से बढ़ रहे उद्योगों में से एक है। हिमाचल, केरल के बाद दूसरा सबसे कम भ्रष्ट राज्य है। पूरे देश के मुकाबले यहां अपराध के दर भी बहुत कम है। हिमाचल प्रदेश में तंबाकू और प्लास्टिक बैग पूरी तरह से बैन है, और इसे सही तरीके से लागू करने में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे है। हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव और छोटे कस्बों में रहते है। यंहा 95 प्रतिशत आबादी हिंदूओं की है और अन्य धर्म के लोगों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं रखते है। यहां साक्षरता दर लगभग 84 प्रतिशत है। बात करें हिमाचल प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था के बारे में तो यह राज्य देश की तीसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यव्सथा है। यहां के अर्थव्यव्स्था मुख्य तौर पर पर्यटन, कृषि और बिजली पर निर्भर है। हिमाचल प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध प्राचीन सिल्क रूट भी मौजूद है जिसका इस्तेमाल चीन, तिब्बत लद्दाख और कश्मीर जैसे स्थानों पर जाने के लिए होता रहा है।


हिमाचल में सरकार


25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ और इसके गठन के बाद यहां पहली बार चुनाव किए गए और कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई। हिमाचल प्रदेश में 1990 तक कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा और 1990 से लेकर 2017 के बीच भाजपा की केवल 4 बार ही सरकार बनी। इस दौरान भाजपा की सरकार है और सीएम जयराम ठाकुर हैं। साल 2017 में भाजपा को कुल 44 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार के होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को दोबारा अपनी सरकार बनाने का पूरा भरोसा है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में शुरूआती दौरा में कांग्रेस की पकड़ काफी मजबूत रही। 1980 के बाद राज्य में कांग्रेस के बाद भाजपा ने भी अपनी पकड़ मजबूत बनाना शुरू किया और धीरे-धीरे हिमाचल में भाजपा अपनी छाप छोड़ने लगा। वीरभद्र के दौर में भाजपा के लिए उन्हें सत्ता से हटाना बहुत मुश्किल था लेकिन भाजपा ने 1990 में पहली बार पहाड़ में कमल खिलाया और चुनाव जीता। 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भाजपा को 46 सीटें मिली जबिक जनता पार्टी को 11 सीटें। इस दौरान कांग्रेस केवल 8 सीट ही दर्ज कर पाया। इस तरह 1990 में पहली बार हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री हुए शांता कुमार।


हिमाचल में भाजपा की सरकार- 1990


भाजपा का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ और गठन होने के बाद ही भाजपा ने सबसे पहले हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत बनाई और उन राज्यों को अपने में शामिल किया जहां भाजपा का कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला था। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता चल रही थी और ऐसे में राज्य से कांग्रेस पार्टी को हटाना मुश्किल था लेकिन भाजपा ने शांता कुमार के नेतृत्व में पहली बार 1990 में सरकार बनाई।

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