उत्तराखंड में चुनाव से पहले बढ़ी सियासी हलचल, क्या दोहराई जाएगी निशंक और नित्यानंद वाली घटना?

By अभिनय आकाश | Mar 06, 2021

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में एक साल का वक्त बचा है और इसी वक्त फरवरी-मार्च के महीने में अगले वर्ष वहां वोटिंग हो रही होगी। लेकिन उससे ठीक एक साल पहले उत्तराखंड में बड़े बदलाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। उत्तराखंड में दो पर्यवेक्षक केंद्र की ओर से भेजे गए हैं। एक पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमण सिंह और बीजेपी के महासचिव दुष्यंत गौतम है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आला कमान की तरफ से उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री की रायशुमारी के लिए दो पर्यवेक्षक भेजे गए हैं। वहां बीजेपी कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी की इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर रायशुमारी होगी। इसके साथ ही विधायकों से ही चर्चा होगी। उत्तराखंड विधानसभा को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थिगित कर दिया गया है और तमाम विधायकों को देहरादून पहुंचने के लिए कहा गया है। बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री रावत भी देहरादून पहुंचे। 

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड विधानसभा में चमोली आपदा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई

 क्या मुख्यमंत्री रावत को बदलने को लेकर चर्चा 

इस तरह के सियासी हलचल से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने से लेकर मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल तक की आशंका जताई जा रही है। अभी सीधे तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि मुख्यमंत्री बदले जाएंगे या नहीं बदले जाएंगे या कोई बड़ा फैसला होगा। लेकिन जब भी किसी राज्य में पार्टी को लगता है कि वहां पर कुछ लोगों से बात करके कुछ नई व्यवस्था लागू की जाये तो ऐसे कदम उठाये जाते हैं। खेमेबंदी सबसे बड़ी वजह रही है। कहा जा रहा है कि कई बार शिकायतें केंद्रीय टीम को उत्तराखंड से मिल रही थी। केंद्रीय टीम को पूरे मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। 

मंत्रिमंडल में विस्तार की अटकलें तेज

कहा तो ये भी जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए राजनीतिक लॉबिंग में कई नेता जुटे हैं। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरे शामिल होंगे। मंत्रियों के विभागों में फेरबदल भी होने की चर्चा है। 

निशंक और नित्यानंद स्वामी को चुनाव से पहले छोड़नी पड़ी थी कुर्सी

साल 2012 के चुनाव से ठीक एक साल पहले बीजेपी ने रमेश पोखरियाल निशंक को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर मेजर जनरल भुवन चंद खंडूरी को उत्तराखंड की बागडोर सौंपी थी। इससे पहले भी 2002 के विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले नित्यानंद स्वामी को हटाकर भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 

प्रमुख खबरें

पुलवामा हमले के वक्त Modi फिल्म की शूटिंग करने में व्यस्त थे : Farooq Abdullah

South China Sea में परिचालन संबंधी तैनाती के लिए भारतीय नौसेना के तीन पोत Singapore पहुंचे

China के राष्ट्रपति ने वरिष्ठ राजनयिक Xu Feihong को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया

Sikh अलगाववादी नेता की हत्या की कथित साजिश में भारत की जांच के नतीजों का इंतजार : America