By अभिनय आकाश | Jan 25, 2021
जान को जो देश पर कुर्बान किए जाते हैं मिट्टी पे अपनी जो अभिमान किए जाते हैं। सीना चीर कर देखो हरेक सीने में एक ही रंग है, जिंदगी हिन्दुस्तान के नाम किए जाते हैं। वैसे तो 26 जनवरी का गणतंत्र समारोह राजपथ पर अपनी धमक, दक्षता, क्षमता का परिचय हर साल देता है। कार्यक्रम की भव्यता और दिव्यता देश के गणतंत्र गाथा की कहानी बयां करती है। वीरों को मिलने वाले सम्मान से देश का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इसी कड़ी में इस बार का गणतंत्र समारोह में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान मोहन लाल को मरणोपरांत राष्ट्रपति सम्मान दिया गया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एएसआई मोहन लाल जिन्होंने 2019 में पुलवामा हमले के दौरान अपनी जान गंवा दी, को मरणोपरांत राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। वर्ष 2019 में पुलवामा में विस्फोटकों से लदी एक कार ने सीआरपीएफ की एक बस को टक्कर मारी थी जिससे मोहनलाल और बस में सवार 39 अन्य जवान शहीद हो गए थे। इस घटना से पहले एएसआई मोहनलाल ने बहादुरी दिखाते हुए कार का पीछा किया था और उस पर गोली चलाकर उसे रोकने का प्रयास किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक सूची के अनुसार केंद्र सरकार ने कुल 207 पुलिस वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की है। इसके अलावा उल्लेखनीय सेवा के लिए 89 राष्ट्रपति पुलिस पदक और 650 पुलिस पदक देने की घोषणा की गई है।
40 लोगों को जीवन रक्षा पदक देने की स्वीकृति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए बहादुरी दिखाने वाले 40 लोगों को जीवन रक्षा पदक प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी है। इनमें एक केरल से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति का नाम भी शामिल है जिसे सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक (मरणोपरांत) दिया जाएगा। गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उत्तम जीवन रक्षा पदक आठ लोगों को और जीवन रक्षा पदक 31 लोगों को प्रदान किया जाएगा। जीवन रक्षा पदक श्रृंखला के पुरस्कार तीन श्रेणियों- सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक के तौर पर दिए जाते हैं। केरल के मुहम्मद मोहसिन को सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक-2020 (मरणोपरांत) के लिए नामित किया गया है।