उचित दूरी का मतलब... (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | Feb 25, 2021

कृपया उचित दूरी बनाए रखें, सुन सुन कर मेरा मन आज भी संगीतमय हो उठता है और गुनगुनाने भी लगता है, उचित दूरी क्या है यह उचित दूरी क्या है। यह वैसा ही लगता है जैसा हम किसी ज़माने में गाया करते थे, चोली के पीछे क्या है या ज़्यादा शरीफाना अंदाज़ में आज भी गा सकते हैं, पर्दे के पीछे क्या है पर्दे के पीछे क्या है। लेकिन हम गा ऐसे रहे हैं, परदे में रहने दो पर्दा न उठाओ। उचित दूरी का मतलब दो गज तो है लेकिन यह अभी तक भेद ही है कि दो गज की दूरी व्यवहार में कितनी है। इस दूरी के अपने अपने प्रयोग हैं जिन्होंने सबके भेद खोल दिए हैं। हम सब यही मानने लगे हैं कि जो उचित है वह अनुचित है और जो अनुचित है वह वास्तव में उचित है ठीक जैसे अनेक बार असवैंधानिक को वैधानिक मान लिया जाता है।

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अब पुराना गाना जुबान पर आ रहा है, मानो तो मैं गंगा मां हूं न मानो तो बहता पानी। हमने मां विषय पर लाखों कविताएं लिखी लेकिन गंगा को सामान्य पानी समझ कर गंदा करते रहे। अमिताभ जैसी आभा ने करोड़ों बार समझाया कि उचित दूरी बनाकर रखें, बार बार हाथ धोएं लेकिन सर्दी में सभी को गर्म पानी नहीं मिलता तभी शायद बार बार हाथ धोना मुश्किल है। जितनी दूरी उचित लगे, बनाकर रखी जाने बारे सलाह देने वाले भी ऐसी सलाह देते हैं जैसे, बीते न बिताए रैना बिरहा की जाई रैना। गलत चीज़ों से उचित दूरी न बनाए रखने के कारण डॉक्टर के पास जाना पड़ा, वहां एक कंपनी का विज्ञापन बोर्ड लगा हुआ था जिसमें लिखा हुआ था कि एक से डेढ़ गज की दूरी बनाए रखें। हमें यह किसी सूझ बूझ वाले समझदार व्यक्ति द्वारा रचाया लगा। उन्हें मालूम है आम क्लिनिक में खड़े होने की जगह भी नहीं होती तभी तो उचित दूरी की परिभाषा खुद ही बनानी ज़रूरी है। कोई पूछे, जनता के सेवक ने जनता के साथ उचित बातें करनी हों तो उचित दूरी बनाकर ही बात करेगा लेकिन उस उचित दूरी का निर्धारण उसे उस पुल के निर्माण की तरह करना होगा जो वह उचित जगह बनवाता है। मास्क लगाकर रखेगा तो मुस्कराहट कैसे अपनी वोट तक पहुंचाएगा। तभी यह सवाल बार बार होता है कि उचित दूरी क्या है, उचित दूरी का मतलब.... 

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एक सरकारी कार्यालय जाना हुआ जहां रोज़ काफी जनता आती है, वहां प्रवेश द्वार पर लिखे अनुरोध के अनुसार उचित दूरी तीन से छ फुट तक मानी गई। उचित शारीरिक दूरी को नए प्रायोगिक अर्थों में सामाजिक दूरी परिभाषित किया जा रहा है। यह एक सरकारी विवरणी की तरह हो गई है जिसमें नियंत्रक कार्यालय को उचित अंतराल पर पुष्टि भेज दी जाती है कि हमारे शाखा कार्यालय में अपाहिज व्यक्तियों के लिए रैंप का उचित प्रावधान किया गया है, लेकिन वास्तव में वहां सीमेंट की सीढियां ही रहती हैं। कहने और करने का व्यवहारिक फर्क रहता है। मुहब्बत कम होते ज़माने में, उचित दूरी का मतलब आई हेट यू ... भी तो नहीं हो सकता। जवाबों के बीच वही सवाल खड़ा है.......उचित दूरी क्या है।


संतोष उत्सुक

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