मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की हो रही कोशिश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 26, 2021

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अर्थव्यवस्था के मेरूदंड को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है और दोहराया कि यदि नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने की कोशिश होगी तब राज्य सरकार इस संयंत्र को खरीदने के लिए तैयार है। बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग मैदान में ध्वजारोहण के बाद प्रदेश वासियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “सार्वजनिक उपक्रमों को भारत की अर्थव्यवस्था का मेरूदंड बनाया गया था। विडम्बना है कि मेरूदंड को कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं। हमने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मंच पर यह शासकीय संकल्प लिया है कि यदि बस्तर में बनाए जा रहे नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में बेचने की कोशिश की जाती है तो छत्तीसगढ़ सरकार इस संयंत्र को खरीदने को तैयार है। आज मैं गणतंत्र दिवस के अवसर पर आप सब लोगों के सामने अपना यह संकल्प दोहराता हूं।” 

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उन्होंने कहा कि इस तरह हम आपके जल-जंगल-जमीन के साथ ही आपके संसाधनों और अवसरों की रक्षा के लिए भी संकल्पबद्ध हैं। बघेल ने कहा,“मेरी कामना है कि आप सब पूरी लगन और समर्पण के साथ अपने निर्धारित लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ते जाइए। हमारी सरकार की विभिन्न योजनाओं में पूरी भागीदारी निभाइए। आज हम सबको मिलकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता, अखंडता के साथ राज्य में संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि समाज के किसी भी वर्ग पर यदि कहीं से कोई भी संकट आता है तो प्रदेश सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी मिलेगी।

उन्होंने कहा कि किसानों, ग्रामीणों तथा आम जनता का सबसे बड़ा संरक्षक हमारा संविधान है, लेकिन अगर कोई नया कानून इस व्यवस्था में आड़े आता है तो ऐसी चुनौती से निपटना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक के माध्यम से निभाया। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं आज फिर कहना चाहता हूं कि संविधान ने जो संरक्षण आपको दिया है, उसके रास्ते में आने वाली बाधाओं के निदान के लिए हम हमेशा तत्पर रहेंगे, चाहे इसके लिए किसी भी स्तर पर संघर्ष करना पड़े।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बीते दो वर्षों में विशेषकर जरूरतमंद तबकों के हक और हित में बड़े कदम उठाए हैं। “गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बहुतायत को देखते हुए, उन्हें राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने की चुनौती स्वीकार की। किसानों, ग्रामीणों, भूमिहीनों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को न्याय दिलाने का वादा पूरा करने के लिए हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।” 

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मुख्यमंत्री राज्य में जारी योजनाओं को लेकर कहा कि किसानों, ग्रामीणों, भूमिहीनों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को न्याय दिलाने का वादा पूरा करने के लिए हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। बघेल ने कहा कि ‘हाफ बिजली बिल योजना’ से अब तक 38 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को एक हजार 336 करोड़ रूपए की राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि सेहत के साथ सुपोषण का गहरा नाता होता है। हमने सार्वभौम पीडीएस योजना लागू करके राज्य की 97 प्रतिशत आबादी को पोषण सुरक्षा दी है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से एक वर्ष में 99 हजार बच्चों का कुपोषण मुक्त तथा 20 हजार महिलाओं का एनीमिया मुक्त होना एक बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बाहर ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की खूब चर्चा होती है। उन्होंने कहा, “जगजाहिर है कि हमें विराट जनादेश तो मिला लेकिन हमारी सरकार को विरासत में खाली-खजाना मिला था। लोगों को न्याय का इंतजार था, इसलिए तात्कालिक राहत के साथ दूरगामी विकास के कदम भी उठाने थे। हमने इस स्थिति का मुकाबला गांधी-नेहरू-शास्त्री-पटेल-आजाद-डॉक्टर आंबेडकर जैसे मनीषियों की वैचारिक विरासत से किया।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सादगी, सरलता, जन विश्वास और राज्य के संसाधनों के सम्मान और मूल्य संवंर्धन को मूल मंत्र बनाया। 

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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आप सबने कोरोना संकट के दौर में न केवल खुद को संभाला, अपने संपर्क में आने वाले लोगों को संभाला बल्कि राज्य को भी संभाल लिया। लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित व सफल घर वापसी हुई। उन्हें छत्तीसगढ़ महतारी के आंचल में अपनी नई जिंदगी शुरू करने का अवसर मिला। कोरोना के वैक्सीन की खोज करने वाले महान वैज्ञानिकों को नमन करते हुए मैं आह्वान करता हूं कि समस्त प्रदेशवासी टीकाकरण के अभियान को सफल बनाने में भी सहयोग प्रदान करें।

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