चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आ सकती है आठ फीसदी की गिरावट: फिक्की सर्वेक्षण

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फिक्की ने सर्वेक्षण के परिणामों में कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र ने महामारी के दौरान बढ़िया लचीलापन प्रदर्शित किया है। रबी की अच्छी बुवाई, अच्छे मानसून, जलाशयों के उच्च स्तर और ट्रैक्टरों की बिक्री में मजबूत वृद्धि से कृषि क्षेत्र में तेजी के संकेत मिलते हैं।’’

नयी दिल्ली। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वित्त वर्ष 2020-21 में आठ प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। उद्योग व वाणिज्य संगठन फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के नये दौर में यह बात सामने आयी है। फिक्की ने कहा कि सर्वेक्षण जनवरी में किया गया है। इसके परिणाम उद्योग जगत, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शीर्ष अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां वित्त वर्ष 2020-21 में 3.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर सकती हैं। 

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फिक्की ने सर्वेक्षण के परिणामों में कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र ने महामारी के दौरान बढ़िया लचीलापन प्रदर्शित किया है। रबी की अच्छी बुवाई, अच्छे मानसून, जलाशयों के उच्च स्तर और ट्रैक्टरों की बिक्री में मजबूत वृद्धि से कृषि क्षेत्र में तेजी के संकेत मिलते हैं।’’ हालांकि महामारी के चलते सर्वाधिक प्रभावित उद्योग एवं सेवा क्षेत्रों में 2020-21 के दौरान क्रमश: 10 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। 

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सर्वे में कहा गया कि औद्योगिक क्षेत्र का पुनरुद्धार गति पकड़ रहा है, लेकिन वृद्धि अभी व्यापक नहीं है। लॉकडाउन के दौरान क्षीण पड़ जाने के बाद त्योहारी सत्र में उपभोग संबंधी गतिविधियां कुछ तेज हुईं, लेकिन इसका बने रहना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा पर्यटन, आतिथ्य, मनोरंजन, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र, जिनमें संपर्क की आवश्यकता होती है, अभी भी सामान्य स्थिति से दूर हैं। सर्वेक्षण में शामिल भागीदारों ने अनुमान व्यक्त किया कि 2020-21 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। चौथी तिमाही में वृद्धि सकारात्मक राह पर लौट सकती है और जीडीपी 0.5 प्रतिशत बढ़ सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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