By अभिनय आकाश | Aug 20, 2025
ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के बाद अब फाइनल मुलाकात का वक्त आ गया है। उस मुलाकात का जो आखिरकार इस युद्ध की समाप्ति की तरफ पहला कदम होगा। दरअसल, अब इंतजार पुतिन और जेलेंस्की के मिलने का है। लेकिन ये दोनों नेता कहां मिलेंगे इसे लेकर अब तक कोई साफ जानकारी निकलकर सामने नहीं आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को रोकने के लिए कितनी तेजी दिखा रहे हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि महज एक हफ्ते के अंदर एक के बाद एक बड़े नेताओं के साथ बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है। अगले 15 दिनों के अंदर पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात होगी। अब खबर है कि ये मुलाकात न तो अमेरिका में होगी न रूस में और न ही यूक्रेन में होगी। जानकारी के मुताबिक अब पुतिन और जेलेंस्की के बीच की द्विपक्षीय बातचीत यूरोप में होगी।
खबर तो ये भी है कि पुतिन और जेलेंस्की की इस मुलाकात में ट्रंप भी मौजूद रह सकते हैं। यानी इस द्विपक्षीय बैठक को त्रिपक्षीय बैठक बनाने पर भी विचार हो रहा है। बातचीत लगातार जारी है। जानकारी आ रही है कि व्हाइट हाउस ने इसके लिए यूरोप के हंगरी को सुनिश्चित किया है। हंगरी के बुडापोस्ट में अमेरिका, यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के बीच होने वाली संभावित त्रिपक्षीय बातचीत की योजना बनाई जा रही है। हालांकि अभी तक ये फाइनल नहीं है। लेकिन खबर यही है कि अब रूस और यूक्रेन के नेताओं की बैठक अमेरिका में नहीं बल्कि यूरोप के हंगरी में होने वाली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं की मौजूदगी में महाबैठक की। बैठक से यूरोपीय मुल्कों ने रूस के मुकाबले शक्ति प्रदर्शन किया। यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी की बात तय हुई। वहीं, इस बैठक के बाद रूस ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए होने वाले किसी भी समझौते में उसकी सुरक्षा और यूक्रेन में रहने वाले रूसी भाषी नागरिकों के अधिकारों की गारंटी शामिल होनी चाहिए।
वॉशिंगटन में जेलेंस्की, यूरोपीय नेताओं और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद उम्मीद जगी कि कूटनीतिक रास्ता खुल सकता है। ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने पूतिन से फोन पर बात कर शांति वार्ता शुरू करने पर चर्चा की है। जेलेंस्की और पूतिन के बीच यह पहली आमने-सामने की वार्ता होगी, अगर होती है तो। वहीं रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यह तभी सफल होगी जब रूस की सुरक्षा चिंताओं का सम्मान किया जाए।