क्विक हील ने भारतीय ग्राहकों को टारगेट कर रहे 1 बिलियन खतरों को किया ब्लॉक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 12, 2020

दिल्ली। उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए आईटी सुरक्षा और डेटा प्रोडेक्शन सॉल्युशन देने वाली अग्रणी कंपनी क्विक हील टेक्नोलॉजीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट ‘क्विक हील एनुअल थ्रेट रिपोर्ट 2020’ में कहा है कि भारतीय उपभोक्ता साइबर अपराधियों के लिए सबसे आकर्षक टारगेट के रूप में उभरे हैं। यह रिपोर्ट थ्रेट रिसर्च, थ्रेट इंटेलिजेंस और साइबरसिक्योरिटी के अग्रणी स्रोत क्विक हील सिक्योरिटी लैब्स के सालभर में जुटाए गए थ्रेट डेटा के आंकड़ों के विश्लेषण से मिली जानकारी पर आधारित है। 

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रिपोर्ट के अनुसार, क्विक हील ने 2019 में भारतीय उपभोक्ताओं को टारगेट करने वाले 1 बिलियन से अधिक ज्ञात और अज्ञात खतरों का पता लगाया और उन्हें ब्लॉक किया, यानी दैनिक आधार पर 2.9 मिलियन से अधिक थ्रेट्स का पता लगाया गया। महाराष्ट्र और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को क्रमशः 38 मिलियन और 25 मिलियन डिटेक्ट के साथ सबसे अधिक टारगेट किया गया। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और गुजरात शीर्ष 5 राज्यों में हैं जहां सबसे अधिक थ्रेट टारगेट किए गए। नई दिल्ली में रहने वाले यूजर- 2019 में 24 मिलियन से अधिक थ्रेट डिटेक्ट हुए हैं- एक बार फिर साइबर अपराधियों के लिए आकर्षक टारगेट के रूप में सामने आया है। थ्रेट डिटेक्शन के मामले में नई दिल्ली के अलावा अन्य शीर्ष भारतीय शहरों में मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और पुणे शामिल हैं।

 

2019: अधिक विकसित थ्रेट्स और सॉफिस्टिकेटेड अटैक कैम्पेन का वर्ष

यह रिपोर्ट इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि 2019 में थ्रेट लैंडस्केप कैसे विकसित हुआ। क्विक हील के सुरक्षा शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि साइबर-हमलों का आसानी से पता न ल सके इसके लिए साइबर-अपराधियों ने एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से जटिल तरीकों का इस्तेमाल किया। स्मार्टफोन सबसे कमजोर डिजिटल उपकरणों में से एक के रूप में उभरा। हैकर्स ने 2019 में व्हाट्सएप जैसे लोकप्रिय एप्स को टारगेट को स्पाइवेयर और मैलवेयर तैनात किए और संवेदनशील डेटा चोरी करने का प्रयास किया।

 

साइबर अपराधियों ने वाई-फाई राउटर जैसे उपकरणों को टारगेट करने के लिए सफल अटैक कैम्पेन चलाने के लिए रचनात्मक तरीकों का इस्तेमाल किया, जिन्हें लोग आमतौर पर डिजिटल खतरों से सुरक्षित मानते हैं। उन्होंने स्मार्ट आईओटी-आधारित उपकरणों में कमजोरियों का भी फायदा उठाया- जिसमें स्मार्ट टीवी, फोन, आईपी कैमरा आदि शामिल हैं - जो भारतीय घरों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। 2019 में इन उपकरणों को टारगेट करने वाले ऐसे हमलों की शुरुआत देखी गई, जिसकी भविष्यवाणी क्विक हील शोधकर्ताओं ने वर्ष की शुरुआत में की थी।

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क्विक हील ने यह भी पाया कि शरारती तत्वों ने उपभोक्ताओं को टारगेट करने के लिए ‘फेक सेक्सटॉर्शन’ कैम्पेन का इस्तेमाल किया। इसमें साइबर अपराधी यूजर की जानकारी के एक सेट तक पहुंच गए, जैसे कि सोशल मीडिया पासवर्ड ताकि उन्हें यह भरोसा दिलाया जा सके कि उनके डिजिटल उपकरणों को हैक कर लिया गया है।

निष्कर्षों पर बोलते हुए  क्विक हील टेक्नोलॉजीज सीटीओ और जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर संजय काटकर ने कहा, “साइबर अपराधी आज पैसे के बदले निजी डेटा निकालने के लिए कमजोर डिजिटल उपकरणों को हैक करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। यह डेटा उन पार्टियों को बेचा जाता है जिनके दिमाग में लोगों के हित नहीं होते। जागरुकता की कमी, कमजोरियों और पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को आसान टारगेट बनाती है। इस रिपोर्ट के माध्यम से, हम जोखिम के उस स्तर को सामने लाना चाहते हैं जिसका सामना भारतीय उपभोक्ता कर रहे हैं और हम एडवांस साइबर हमले के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बचाव प्रदान करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।"

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क्विक हील टेक्नोलॉजीज के बारे में  

क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड भारत में एक मजबूत फुटप्रिंट और विश्व स्तर पर विकसित उपस्थिति के साथ आईटी सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन सॉल्युशन के अग्रणी प्रदाताओं में से एक है। वर्ष 1995 में पुणे में एक पंजीकृत कार्यालय के साथ शुरू हुआ क्विक हील कई प्रोडक्ट सेग्मेंट्स- एंडपॉइंट, नेटवर्क, डेटा और मोबिलिटी में बी2बी, बी2जी और बी2सी सेग्मेंट में मौजूदगी के साथ साइबर स्पेस में एक ऑल-राउंड खिलाड़ी है। 

अपने अत्याधुनिक आरएंडडी सेंटर और थ्रेट लैंडस्केप पर गहन बुद्धिमत्ता के साथ क्विक हील एडवांस साइबर हमलों के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके पोर्टफोलियो में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त ब्रांड नाम ‘क्विक हील ’और ‘सेक्राइट’ के तहत विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम और उपकरणों के सॉल्युशन शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करें-  : <https://www.quickheal.co.in/>


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