By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 15, 2020
नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एस वाई कुरैशी के इस आरोप से इंकार किया है कि आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नफरत भरे भाषणों के मामले में उचित तरीके से सजा नहीं दी। आयोग ने कहा कि जब कुरैशी आयोग की अगुवाई कर रहे थे तो जनप्रतिनिधित्व कानून और आईपीसी के तहत नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी।कुरैशी ने एक अंग्रेजी अखबार में अपने लेख में लिखा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव के प्रचार के दौरान नफरत वाले भाषणों पर उचित कार्रवाई नहीं की। चुनाव आयोग ने साफ कहा कि वह पसंद के मुताबिक कुछ चीजें याद कर रहे हैं और कुछ चीजें भूल रहे हैं।
आयोग ने कुरैशी को पत्र लिखकर कहा कि जब आप मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय का कामकाज देख रहे थे, उस दौरान आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के तहत जारी नोटिसों और कार्रवाई की सूची संलग्न है। उन्होंने कहा, ‘‘आप कृपा करके इसे पढ़ सकते हैं। संलग्न सूची से देखा जा सकता है कि तत्कालीन आयोग ने इस अवधि में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धाराओं 123 और 125 के तहत तथा आईपीसी (भारतीय दण्ड संहिता) की धारा 153 के तहत कोई कार्रवाई नहीं की।’’
जुलाई 2010 से जून 2012 तक सीईसी रहे कुरैशी से इस बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए उन्हें फोन से संपर्क का प्रयास किया गया। हालांकि उनसे बात नहीं हो सकी और उन्होंने मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया। दरअसल, 2010 से 2012 तक चुनाव आयोग का नेतृत्व करने वाले कुरैशी नेएक लेख में हैरानी जताते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव के दौरान विवादित बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज क्यों नहीं कराई गई, जबकि वे गलत पाए गए थे।