कानून और जनता की अदालत में हार चुके हैं राहुल गांधी: सुधांशु त्रिवेदी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 16, 2019

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी के आचरण से लगता है कि उनमें अभी परिपक्वता का अभाव है और संयोग से न्यायालय में उनके आचरण पर टिप्पणी भी उस दिन की, जिस दिन बाल दिवस था।

 

त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने राफेल पर जो भ्रामक दुष्प्रचार किया था, जो झुंठ बोला था, न्यायालय के निर्णय के बाद अब उनको मांफी मांगनी चाहिये। जिसके लिए भाजपा ने आज प्रदर्शन किया है। कोर्ट से केवल राहुल गांधी के बचकानेपन पर ही टिप्पणी नहीं की बल्की उनके खिलाफ चल रहे आयकर के मामले में भी उन्हें छुट देने से इंकार कर दिया, यानि अब उन पर कार्यवाही हो सकती है। राहुल गांधी भारत के किसी भी बड़े राजनैतिक दल के एकमात्र ऐसे बड़े नेता है, जिन्हें दो बार कोर्ट को मिस कोट करने के कारण मांफी मांगनी पड़ी है। उन्होंने स्वीकार किया है कि उन्होंने गलती की है।

इसे भी पढ़ें: राफेल मामला: प्रशांत भूषण और अरुण शौरी ने कहा, सीबीआई को दर्ज करनी चाहिए प्राथमिकी

त्रिवेदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली में दिये गये बयान पर पलटवार करते हुये कहा कि वो देश के बारे में बड़ी-बड़ी बातें, दावे और आरोप लगाकर चले गये, परन्तु राजस्थान के बारे में पूंछे गये सवालों का जबाव दिये बिना ही चले गये। उनकी सरकार बने सालभर होने को आया, उन्हें जबाव देना चाहिये कि चुनाव के समय किये गये बेरोजगारी भत्ता देने के वादे का क्या हुआ, पेट्रोल-डीजल पर जो टैक्स भाजपा सरकार ने घटाया था उसको वापस क्यों लगाया, स्थानीय निकाय के चुनावों मंे बार-बार अपना निर्णय क्यों बदला। क्या उनको लग गया है कि लोकसभा चुनाव की तरह स्थानीय निकाय के चुनावों में भी उनकी करारी हार होने वाली है, इसलिये प्रत्यक्ष चुनाव में जाने का साहस नहीं कर पा रहें है। नगर पालिका के अध्यक्षों और नगर निगम अध्यक्षों के चुनाव में जो इतने दिन का समय रखा है, वो संदेह पैदा करता है। जबकि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी नेता के चयन को लेकर इतने दिन का समय नहीं होता है। 

इसे भी पढ़ें: राफेल सौदा: कोर्ट से क्लीन चिट के बाद AAP कार्यालय के बाहर भाजपा का प्रदर्शन

त्रिवेदी ने कहा कि दो दिन पहले गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की तुलना करते हुये कहा कि ‘‘कहां राजा भोज और कहां गंगू तेली’’ तो उन्हें बताना चाहिये की दूसरा पक्ष कौन है और इस तरह का जातिगत अपमानजनक शब्द उन्होंने किसके लिये प्रयोग किया है। उनकी गांधी परिवार से भाजपा नेताओं से तुलना नहीं होने की बात बिल्कुल सही है। एक परिवार वो है, जिसे सबकुछ मिला था बड़े आराम से, परन्तु उन्होंने सबकुछ लूटा दिया और दूसरी तरफ वो है जिन्होंने एक कदम बढ़ाना शुरू किया था और आज दुनियां कि सबसे बड़ी पार्टी है और विश्व मंे भारत का नाम ऊंचाईयों पर बढ़ा रहीं है। उन्होंने अहंकार मंे सबकुछ लूटा दिया और हमने धीरे-धीरे एक-एक ईंट जोड़कर विकास की नई इमारत को खड़ा किया।

 

प्रमुख खबरें

Phalodi Satta Bazar: इस बार किसकी बनेगी सरकार, क्या NDA करेगा 400 पार, जानें क्या कहता है सट्टा बाजार

Yes Milord: केजरीवाल की गिरफ्तारी वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित, न्यूज़क्लिक के फाउंडर की रिहाई, PMLA के तहत ED नहीं कर सकती गिरफ्तार

Lok Sabha election 2024: बिहार की ये पांच लोकसभा सीटें जहां बागियों ने बढ़ा दी है पार्टियों की टेंशन

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को लगा जोर का झटका धीरे से