By अनन्या मिश्रा | Jul 18, 2025
हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का आज ही के दिन यानी की 18 जुलाई को निधन हो गया था। इंडस्ट्री में राजेश खन्ना को प्यार से 'काका' भी कहा जाता था। 60-70 के दशक में राजेश खन्ना का ऐसा जादू चलता था कि उनकी फिल्में देखने के लिए सिनेमाघरों में भीड़ उमड़ पड़ती थी। एक समय पर जब निर्माता-निर्देशक की उनके पास लाइन लगी रहती थी, तो वहीं एक समय ऐसा भी आया था, जब उनको काम मिलना मुश्किल हो गया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर राजेश खन्ना के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को राजेश खन्ना का जन्म हुआ था। उनका असली नाम जतिन खन्ना था। राजेश खन्ना ने अपनी पढ़ाई पुणे और मुंबई से पूरी की थी। वहीं साल 1973 में राजेश खन्ना ने एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया से शादी की थी, जोकि उस समय 16 साल की थीं। राजेश और डिंपल की दो बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना हैं। इसके अलावा राजेश खन्ना के एक्ट्रेस अंजू महेंद्र के साथ भी रिश्ता चर्चा में रहा था।
फिल्मी करियर
राजेश खन्ना ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1966 में फिल्म 'आखिरी पतंग' से की थी। हालांकि अभिनेता को असली पहचान साल 1969 में आई फिल्म 'आराधना' से मिली थी। इस फिल्म में अभिनेता के रोमांटिक अंदाज ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। इसके बाद राजेश खन्ना को 'कटी पतंग', 'आनंद', 'सफर', 'बावर्ची' और 'हाथी मेरे साथी' जैसी फिल्मों ने सुपरस्टार बना दिया था। साल 1969 से 1971 तक राजेश ने 15 से ज्यादा सुपरहिट फिल्में दी हैं, जोकि एक रिकॉर्ड है। वहीं उनके डायलॉग जैसे 'बाबा मोशाय' और गाने 'मेरे सपनों की रानी' आज भी लोगों की जुबान पर है।
सेट पर देर से आने की आदत
अभिनेता राजेश खन्ना अपनी फिल्मों के लिए जितने फेमस हैं, उतना ही सेट पर देर से आने की आदत के लिए भी जाने जाते थे। एक बार फिल्म 'आखिरी खत' की शूटिंग के समय जोकि उनकी पहली फिल्म थी, उसका समय सुबह 8 बजे तय किया गया था। लेकिन अभिनेता सेट पर 11 बजे पहुंचे। जिस कारण उनको डांट भी पड़ी थी। लेकिन काका ने बेबाकी से जवाब देने हुए कहा कि वह किसी के लिए अपनी लाइफस्टाइल नहीं बदलेंगे।
राजेश खन्ना का स्टारडम
आप राजेश खन्ना के स्टारडम का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि शूटिंग सेट के बाहर प्रशंसकों की भीड़ जमा हो जाती थी। खासकर लड़कियां राजेश खन्ना की एक झलक पाने के लिए बेताब रहती थीं। जब काका की सफेद कार स्टूडियो या निर्माता के दफ्तर के बाहर रुकती थी, तो लड़कियां उनकी कार को चूम लेते थी। कार पर इतने लिपस्टिक के निशान पड़ते थे कि उनकी सफेद कार गुलाबी दिखने लगती थी।
मृत्यु
राजेश खन्ना सिर्फ एक अभिनेता नहीं बल्कि एक दौर थे। उनकी मुस्कान, रोमांटिक अंदाज और भावुक अभिनय ने लाखों दिलों पर राज किया। अपनी जिंदगी के आखिरी समय में वह काफी अकेले रह गए थे। वहीं 18 जुलाई 2012 को लंबी बीमारी के बाद राजेश खन्ना ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।