By अभिनय आकाश | Sep 09, 2021
पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के जालौर में आपात स्थिति में भारतीय सेना के ट्रांसपोर्ट और वायुसेना के विमानों को उतारने के लिए 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान से इस हाइवे पर उतरे हैं। रनवे पर सुखोई लड़ाकू विमान ने फ्लाइपास किया, साथ ही जगुआर और एयरफोर्स के अन्य विमान भी इस दौरान यहां पर दिखाई दिए।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण
युद्ध के दौरान दुश्मन देश अक्सर देश के महत्वपूर्ण एयरबेस को टारगेट करके उन्हें तबाह करने की कोशिश में रहते हैं ताकि उस देश के फाइटर जेट लैंड और टेकऑफ न कर सकें। करीब 50 साल पहले पाकिस्तान से युद्ध जैसी आपात परिस्थितियों में वायुसेना के भुज एयरबेस पर जो हुआ, अब वैसी नौबत नहीं आए। इसलिए इस प्रोजेक्ट की जरूरत थी। तब 8 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान के जेट्स ने वायुसेना के भुज एयरबेस पर बम दागे थे। इससे एयरबेस के रनवे तबाह हो गया था। युद्ध के दौरान वहां सारे हवाई ऑपरेशन्स में रुक गए थे। भविष्य में ऐसे हालात पैदा न हों इसके लिए यह प्रोजेक्ट जरूरी था।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर 12 रोड स्ट्रीप बनाने की योजना
ये एक बड़ी परियोजना का हिस्सा है, जिसमें 12 राष्ट्रीय राजमार्गों पर हवाई पट्टियों का विकास शामिल है। परियोजना का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान बचाव कार्यों के साथ-साथ आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा प्रदान करना है। इससे पहले भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उतर चुके हैं। 2017 में आईएएफ ने 35,000 किलोग्राम C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान के साथ 'आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के एक हिस्से पर टच एंड गो लैंडिंग' की थी। आईएएफ ने अपने मिराज 2000 और सुखोई -30MKI फाइटर जेट्स को यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी उतारा था।