राजनाथ सिंह व जयशंकर को ब्लिंकन की टिप्पणी को नकारना चाहिए था: राकांपा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 13, 2022

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मजीद मेमन ने बुधवार को यहां आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और एस. जयशंकर को भारत में कथित ‘मानवाधिकार हनन’ के संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की टिप्पणी को ‘कम से कम नकारना तो चाहिए था, लेकिन वे दोनों चुप रहे। मेमन ने यह भी कहा कि जब ब्लिंकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में दोनों मंत्रियों की उपस्थिति में ये टिप्पणी की तो मंत्रियों के कथित रूप से चुप रहने से दुनिया में क्या संदेश गया है? राकांपा नेता ने यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। इस दौरान पार्टी प्रमुख शरद पवार उनके साथ थे।

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ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका भारत में हाल की कुछ घटनाओं पर नजर रख रहा है, जिनमें कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन में वृद्धि भी शामिल है। उन्होंने जोर दिया कि अमेरिका साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के संबंध में अपने भारतीय भागीदारों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहता है। राकांपा नेता मेमन ने कहा कि अगर हमारे देश के खिलाफ कुछ बयान या इस हद तक आरोप लगाए जा रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है, तो कम से कम दो विद्वान मंत्रियों को उसे नकारना तो चाहिए था।

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उन्होंने कहा, उन्हें कम से कम कहना चाहिए था कि यह खबर अतिरंजित है, यह खबर गलत है। लेकिन दोनों मंत्री चुप रहे। दुनिया को क्या संदेश गया है? भारत ने विदेशी सरकारों और मानवाधिकार समूहों द्वारा उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि देश में नागरिक स्वतंत्रता में कमी आयी है।

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