By अंकित सिंह | May 25, 2023
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'डीआरडीओ एकेडेमिया कॉन्क्लेव' में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में रिसर्च एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब तक हम रिसर्च नहीं करेंगे, तब तक हम नई-नई तकनीक को अपना नहीं पाएंगे। राजनाथ ने कहा कि आज अर्थव्यवस्था, राजनीति, समाज, कृषि और कनेक्टिविटी आदि सभी सेक्टर में रिसर्च और तकनीक का समावेश काफी हद तक हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज जब DRDO और एकेडेमिया के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है, तो मुझे विश्वास है कि इस साझेदारी के माध्यम से होने वाली रिसर्च, अनेक नए संसाधन को अनलॉक करेंगी और इससे न केवल DRDO और एकेडेमिया, बल्कि हमारा पूरा देश लाभान्वित होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जैसे देश के लिए तो यह इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि हम अपनी सीमाओं पर दोहरे खतरे का सामना कर रहे हैं। ऐसे में पूरी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए, हमारा तकनीक के दृष्टिकोण में advance होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज हम दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक हैं, हमारी सेना के शौर्य और पराक्रम की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। ऐसे में यह अनिवार्य हो जाता है, कि देश के हितों की सुरक्षा करने के लिए हमारे पास एक तकनीक में आगे सेना हो। आप लोग देख रहे हैं, कि हमारे देश में स्टार्ट-अप्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इस प्रकार की साझेदारी हमारे देश में स्टार्ट-अप्स कल्चर को और बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
भाजपा नेता ने कहा कि डीआरडीओ के पास एक बेहद उन्नत बुनियादी ढाँचा है। आज डीआरडीओ के पास लगभग 50 labs हैं, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट क्षेत्र में शोध करना करते हैं। डीआरडीओ के साथ साझेदारी, हमारी एकेडेमिया को भी डीआरडीओ के उन labs का access प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि एकेडेमिया लगातार स्वयं को बदलती हुई चुनौतियों, और बदलते हुए परिवेश के अनुसार update करते हैं। वैसे तो DRDO भी स्वयं को Updated रखता ही है, लेकिन आपने "एक से भले दो" वाली कहावत तो सुनी ही होगी। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में special हैं, लेकिन इन दोनों का यह सहयोग अनुसंधान क्षेत्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।