नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने विभिन्न रक्षा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (
डीआरडीओ) की नयी खरीद नियमावली का अनावरण किया जिसमें प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि नयी नियमावली सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत रक्षा अनुसंधान में स्टार्ट-अप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सहित निजी उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए लाई गई है। डीआरडीओ में सभी सौदे, परियोजनाएं और अनुसंधान पहल खरीद नियमावली से दिशा-निर्देशित होती हैं।
सरकार भारत को रक्षा विनिर्माण का केंद्र बनाने के अपने विजन की पहले ही घोषणा कर चुकी है और इसने घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई सिलसिलेवार सुधार कदम उठाए हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘खरीद नियमावली-2020 रक्षा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं/कार्यक्रमों को तेज गति से आगे बढ़ाएगी। नियमावली में संशोधित विशेषताएं विभिन्न रक्षा अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में उद्योग की भागीदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।’’ अधिकारियों ने बताया कि नयी नियमावली की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।
इसमें व्यवस्था की गई है कि अगर सबसे कम बोली लगाने वाला (एल 1) पीछे हट जाता है तो ऑर्डर सबसे कम बोली लगाने वाले दूसरे नंबर के बोलीकर्ता (एल 2) को दे दिया जाएगा। इसमें अग्रिम भुगतान की सीमा बढ़ाने तथा ईमानदारी के साथ धन जमा कराने के लिए ‘बोली सुरक्षा विकल्प’ जैसे प्रावधान भी किए गए हैं। नयी नियमावली की और भी कई खास विशेषताएं हैं। इससे पहले, 2016 में खरीद नियमावली में संशोधन किया गया था। रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में सरकार की नजर 2025 तक 1.75 लाख करोड़ रुपये के कारोबार पर है।