By Prabhasakshi News Desk | Jan 29, 2025
राजस्थान के प्रमुख नेताओं में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की बात न की जाए तो यह अपने आप में अधूरी ही मानी जायेगी। वे राजस्थान की जमीन से जुड़े हुए नेता है और केंद्र की राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा भी राठौड़ रह चुके है और जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे है। सैनिक पिता और शिक्षक माता की संतान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सेना, खेल और राजनीति तीनों ही क्षेत्रो में लोगों को प्रभावित किया। कभी श्रेष्ठ खिलाड़ी बनकर तो कभी एक्टिव मंत्री बनकर। उन्हें अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर आगे तक अनेकानेक अवार्ड्स मिल चुके है।
राज्यवर्धन सिंह का जन्म और परिवार
राजस्थान के जैसलमेर जिले में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का जन्म 29 जनवरी साल 1970 को हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह और माँ का नाम मंजू है। राठौड़ के पिता सेना में कर्नल रह चुके है। वह वंशज बीकानेर के राज घराने से आता है। उन्होंने डॉ गायत्री राठौर के साथ शादी की है। उनका एक बेटा मानव आदित्य राठौर और बेटी गौरी है।
राठौड़ की पढ़ाई
राजस्थान सरकार में मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने शहर जैसलमेर में ही ली। इसके बाद वह आगे की पढाई के लिए पुणे चले गए। जहाँ उन्होंने नेशनल डिफेन्स एकेडमी (एनडीए) से बी.ए. किया। वह अपने पिता से प्रभावित थे। इसी कारण वह अपना आगे का करियर सेना में सेवा देकर बनाना चाहते थे और फिर उन्होंने सेना में जाने का निर्णय लिया। बाद में वह देहरादून के भारतीय फौज अकादमी में भर्ती हो गए। इसके बाद उन्होंने सेना की नौकरी कर ली।
शुरूआती जीवन
उनका शुरुआती जीवन राजनीति से दूर खेल की दुनिया में ही गुजरा है। अपने स्कूल के ज़माने में राज्यवर्धन सिंह बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, कबड्डी और शूटिंग के अच्छे खिलाड़ी माने जाते रहें है। उन्होंने शूटिंग की शुरुआत साल 1998 में की थी। अपनी मेहनत व लगन से वह जल्द ही विश्व के गिने चुने खिलाडियों की श्रेणियों में अपना नाम भी दर्ज करवाने में सफलता पा ली थी। इसी का परिणाम था कि साल 2003 में उन्हें साइप्रस में होने वाले विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्होंने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इसमें उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से जुड़ी एक रोचक बात यह है कि वह अपने युवाकाल में क्रिकेटर बनना चाहते थे। यहाँ तक कि उन्हें रणजी ट्रॉफी के लिए भी चुन लिया गया था मगर बाद में उनकी माँ ने उन्हें जाने से मना का कर दिया क्योंकि इससे उनकी पढाई को बाधा हो सकती थी। चूंकि उनकी माँ एक टीचर है इसलिए उन्होंने पढाई को अधिक महत्व दिया। हालांकि बाद में उन्हें फेडरेशन ऑफ़ स्कूल गेम्स से स्कालरशिप दिया गया।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का राजनीतिक सफर
वे एक खिलाड़ी और एक सैनिक होने के साथ-साथ एक अच्छा नेता भी हैं। राजनीति में भी कदम रखते ही उन्हें खेल जगत की भांति इस क्षेत्र में भी सफलता मिलने लगी। साल 2013 में सेना की नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले लिया। जिस समय राठौड़ सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृति ली थी उस समय वह कर्नल के पद पर थे। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें राजस्थान के जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से टिकट दिया। उनका मुकाबला कांग्रेस के एक बड़े नेता सी पी जोशी से था। मगर राठौड़ खेल की तरह राजनीति में भी सबको धूल चटाने में सफलता पा ली।
यही वह वर्ष था जब वह एक खिलाड़ी से नेता कहलाने लगे। जीत के बाद केंद्र में मोदी सरकार बनी और मोदी सरकार में उन्हें सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री बनाया गया। बाद में उन्हें युवा मामलो और खेल मंत्रालय के राज्यमंत्री का स्वत्रंत प्रभार दिया गया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वे पुनः जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से खड़े हुए और इस बार उनका सामना कांग्रेस की कृष्णा पूनिया से था और इस बार भी उन्हें विजय मिली। नवंबर 2023 में राठौड़ ने 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जोतवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के अभिषेक चौधरी को 50,167 मतों से हराया। 30 दिसंबर 2023 को उन्होंने राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।