By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 15, 2019
नयी दिल्ली। बजट में बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों में विदेशी निवेश की सीमा में छूट के प्रस्ताव से इनकी वितरण क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि इस प्रस्ताव से इन इकाइयों में खासकर विकसित बाजारों से अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को भी बढ़ाया जा सकेगा।
इसे भी पढ़ें: बजट योजनाओं के साथ बनाया गया है, इसमें सभी अनुमान व्यवहारिक है: सीतारमण
वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में विदेशी कंपनियों को बीमा मध्यस्थ इकाइयों में शतप्रतिशत स्वामित्व की अनुमति का प्रस्ताव किया गया है। इन इकाइयों में बीमा एजेंट, ब्रोकर, नुकसान का आकलन करने वाले और सर्वेयर शामिल हैं। अभी इन इकाइयों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 प्रतिशत है।
फिच रेटिंग्स ने बयान में कहा कि भारत के बीमा मध्यस्थ इकाइयों से विदेशी स्वामित्व की सीमा को समाप्त किए जाने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, वितरण क्षमता बेहतर होगी, बीमा की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी और मध्यम से दीर्घावधि में विलय एवं अधिग्रहण को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रस्तावित बदलाव सिर्फ बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए है। बीमा कंपनियों में विदेशी स्वामित्व की सीमा को 49 प्रतिशत पर ही कायम रखा गया है।